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लाक डाउन में कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार से गुहार लगाने की मांग 

 ठाणे [ इमरान खान ] मुंबई, ठाणे समेत समूचे महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के तेजी से बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर राज्य भर में लगाए गए मिनी लाॅकडाउन को लेकर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस की महासचिव श्रीमती सुमन अग्रवाल ने राज्य की महाआघाड़ी गठबंधन सरकार से अनुरोध किया है कि वह बुरी तरह चौपट हो चुके उद्योग-व्यापार क्षेत्र को राहत देने के लिए और अगले 25 दिनों तक सब-कुछ बंद रखने के बजाय 30 अप्रैल तक केवल शुक्रवार शाम 8 से सोमवार सुबह 8 बजे तक ही बंद रखने का नियम लागू करे।
            कांग्रेस भी राज्य की महागठबंधन आघाड़ी सरकार का महत्वपूर्ण घटक होने के चलते ताजा लाॅकडाउन से संकट में फंसे उद्योगियों-व्यापारियों की समस्याओं को लेकर ठाणे व्यापारोद्योग महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने श्रीमती अग्रवाल को ज्ञापन देकर उनसे इस संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार किए जाने का आग्रह किया है। प्रतिनिधिमंडल में महासंघ के अध्यक्ष देवीलाल श्रीश्रीमाल, मानद सचिव भावेश मारू, सदस्य विकास अच्छा, रामप्रकाश अग्रवाल आदि का समावेश था।
           ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले करीब पूरा साल भर कोविड की वजह से उद्योग-व्यापार बंद रहा, जिससे कारोबार क्षेत्र का जबरदस्त नुकसान हुआ है, कई उद्योग-धंधे तो इस वजह से तबाह हो गए। अनलाॅक होने के बाद कुछ महीनों से उद्योग-व्यापार जगत किसी तरह फिर से उठ खड़ा होने की हिम्मत जुटा रहा था कि पुनः मिनी लाॅकडाउन के नाम पर सब-कुछ बंद हो गया, जो न सिर्फ कारोबार क्षेत्र के लिए भारी नुकसानदेह है बल्कि आम नागरिक भी इससे बेहाल हैं।
           उद्योगियों-व्यापारियों सहित आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए सुमन अग्रवाल ने राज्य सरकार से गुजारिश की है कि कोविड की दूसरी लहर के बढ़ते संक्रमण पर काबू पाने के लिए जारी आवश्यक सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करना हम सभी के लिए अनिवार्य है, आखिर यह सब हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा अहम मुद्दा है, पर उद्योग-व्यापार क्षेत्र भी अत्यंत महत्वपूर्ण आर्थिक रीढ़ है और इसे निश्चित तौर पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर राहत प्रदान करनी चाहिए। मौजूदा मिनी लाॅकडाउन में ई-काॅमर्स, आॅनलाइन बिजनेस आदि को तो छूट दी गई है, पर छोटे कारोबारी इस लाॅकडाउन के बोझ तले नाहक दबे-कुचले जा रहे हैं। पहले ही तबाह हो चुके अपने कारोबार को लेकर वे अपनी दुकान का किराया भरें, कामगारों का वेतन दें, विविध कर भरें, बिजली का बिल-लोन की किश्तें-ब्याज आदि भरें तो आखिर कैसे भरें ?  स्थिति साफ तौर पर बेहद गंभीर है। इसलिए सरकार या तो उनका यह सब टैक्स, बिल आदि माफ कर दे अथवा बतौर मिनी लाॅकडाउन महज वीकेंड का ही बंद रखे।

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