मुंबई , सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्धन, वित्तपोषण और विकास में संलग्न शीर्ष वित्तीय संस्था भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में श्री शिवसुब्रमणियन रामन ने कार्यभार संभाल लिया है। यह नियुक्ति आज से तीन वर्ष की अवधि के लिए हुई है।
इससे पहले, श्री रामन भारत की प्रथम सूचना उपयोगिता संस्था, नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (एनईएसएल), के प्रबंध निदेशक एवं प्रधान कार्यपालक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। श्री रामन 1991 बैच के भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा (आई.ए एंड ए.एस) अधिकारी हैं। एनईएसएल में शामिल होने से पहले श्री रामन 2015 से 2016 तक झारखंड राज्य के प्रधान महालेखाकार थे। उन्होंने 2006 से 2013 तक भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के कार्यपालक निदेशक का पद भी संभाला है। श्री रामन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र से बी.ए. और एमबीए किया है। उनकी शैक्षणिक योग्यताओं में एलएलबी, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से विनियमन में एमएससी ,इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल ऑडिटर्स(आईआईए) फ्लोरिडा से सर्टिफाइड इंटरनल ऑडिटर और सिक्योरिटीज लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा शामिल हैं।
आपके नेतृत्व में, क्रेडिट प्लस, डिजिटल डिलाईट और एक सुदृढ़ एमएसएमई पारितंत्र के साथ आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय मिशनों की सेवा करने के सिडबी के ध्येय को और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने की उम्मीद है । सिड्बी के बारे में: 1990 में अपने गठन के बाद से सिडबी अपने एकीकृत, अभिनव और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से समाज के विभिन्न स्तरों पर नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। सिडबी ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न ऋण और विकासात्मक उपायों के माध्यम से सूक्ष्म और लघु उद्यमियों (एमएसई) के जीवन को छुआ है, चाहे ये पारंपरिक व घरेलू छोटे उद्यमी हों; उद्यमिता पिरामिड के निम्नतम स्तर के उद्यमी हों अथवा उच्चतम स्तर के ज्ञान-आधारित उद्यमी हों। सिडबी 2.0 अपने साथ समावेशी, अभिनव और प्रभाव-उन्मुख संबद्धताओं की दृष्टि को लेकर चल रहा है।