मुंबई [ युनिस खान ] राज्य में महाविकास आघाडी सरकार बनने के बाद से कोरोना महामारी व अस्पतालों में आग ,गैस रिसाव से होने वाली मौत की घटनाएं मुसीबत का सबब बन गयी है। कोरोना मजीजों बढती संख्या , आक्सीजन , रेम डेसिविर इंजेक्शन की कमी जैसे समस्याओं से जूझना व विपक्ष का हमला झेलते रहना मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके लिए काँटों का ताज बन गया है।
बुधवार को नासिक में आक्सीजन टैंक में हुए गैस रिसाव से मनपा अस्पताल में आक्सीजन की आपूर्ति रुक जाने से 24 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गयी। पिचले र माह में अस्पतालों में होने वाली यह तीसरी बड़ी दुर्घटना है। इससे पहले भंडारा जिले की जनरल अस्पताल के स्पेशल बर्न केयर यूनिट में 10 जनवरी की रात डेढ़ बजे शार्ट सर्किट से आग लगने से 10 शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गयी थी। इसके बाद 26 मार्च को मुंबई के भांडुप की ड्रीम्स माल की चौथी मंजिल में स्थित कोविड अस्पताल में 10 कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गयी। फरवरी 2020 में कोरोना का पहला मरीज मिलने के बाद से राज्य में कोरोना का कहर जारी है कभी दिल्ली से आगे तो कभी दिल्ली राज्य से पीछे रहकर कोरोना से राज्य सरकार झूझना पद रहा है। बड़ी आबादी और बड़े पैमाने पर जांच के कारन मरीजों की संख्या अधिक सामने आ रही है। मरीजों के उपचार के लिए कम समय में अधिक बेड के कोविड अस्पताल बनाकर आघाडी सरकार ने दुसरे राज्यों को तैयारी के मामलों में भले ही पीछे छोड़ दिया हो लेकिन कोरोना ने राज्य का पीछा नहीं छोड़ा। पहले और दुसरे चरण का मुकाबला करते हुए तीसरे चरण में आते आते आक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के आभाव की समस्या उत्पन्न हो गयी। फिर भी अन्य राज्यों की अपेक्षा महाराष्ट्र में आरोग्य यंत्रणा काफी मजबूत माना गया है।
राज्य सरकार को कोरोना के आलावा एक बड़ा झटका फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत व व्यवसायी मनसुख हिरेन के दो तथाकथित आत्महत्या या हत्या को लेकर लेकर केंद्र सरकार व राज्य की विपक्षी दल भाजपा से दो दो हाथ करना पड़ा। इसें फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स के रैकेट व टीआरपी घोटाला भी काफी दिनों तक सुर्खियाँ बटोरता रहा। इस बीच केंद्रे और राज्य सरकार के बीच तनातनी से सरकार पर संकट मडराता दिखाई देने की चर्चा होती रही। राज्य विधान सभा में विरोधी दल भाजपा के सदस्यों ने बार बार सरकार में आने का संकेत देकर ठाकरे सरकार के घटक दलों में फूट डालने का प्रयास किया। तीन दलों की महाविकास आघाडी की सरकार के भविष्य को लेकर आशंका का माहौल बना रहा और सरकार विपक्ष का हमला भी झेलती रही और उसे उत्तर भी देते रही। राज्य में बार व रेस्टोरेंट व्यवसाय से 1000 करोड़ रूपये उगाही के मामले में गृह मंत्री अनिल देखमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। अभी उक्त मामला किस करवट बैठेगा इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।