कोलकाता [ युनिस खान ] पश्चिम बंगाल विधान सभा में भाजपा को हराते हुए टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी लगातार तीसरी सत्ता में लौटी हैं। वे नंदीग्राम भले ही चुनाव हार गयी हों लेकिन उन्होंने बंगाल में पार्टी की शानदार जीत दिलाने में सफल रही है। पहले खबर आई की वे 1200 मतों से जीत गयी लेकिन बाद भाजपा के शुभेंदु अधिकारी के 1957 मतों से जीत की खबर आयी है। इसे सीट पर टीएमसी की ममता बनर्जी और भाजपा के शुभेंदु अधिकारी के बीच कांटे की टक्कर थी। चुनाव में हार के बाद ममता बनर्जी ने कहा है कि मुझे नंदीग्राम के लोगों का फैसला मंजूर है। मेरे खिलाफ चीटिंग की गयी है मैं इसे लोकर न्यायालय में जाउंगी। अधिकारीयों का कहना है कि सर्वर डाउन होने से पूरी गिनती नहीं हो पायी थी।
मतगणना के पहले से ही अनुमान था की नंदीग्राम में टीएमसी और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला हुआ है। दोनों के अपने प्रभाव वाले अलग अलग क्षेत्र है। मतगणना में जिसके पराभव वाले क्षेत्र की मशीन खुलेगी वह उम्मीदवार आगे चलेगा। क्यों की दोनों को अपने अपने प्रभाव वाले इलाकों से अच्छा मत मिलेगा। अंत में एक से दो हजार मतों क अंतर से ही कोई जीतेगा। दोनों उम्मीदवारों के अपने अपने जीत का भरोसा था। जहाँ ममता बनर्जी को अपने कार्यो और जनता के ऊपर भरोसा था। उसी भरोसे पर उन्होंने भाजपा और शुभेंदु अधिकारी को उसके गढ़ में चुनौती देने के लिए खुद चुनाव मैदान में उतरी। आज मतगणना में दोनों के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दी। कभी ममता तो कभी शुभेंदु अधिकारी आगे चल रहे थे। 17 वें व अंतिम राउंड में खबर आई किममता बनर्जी 1200 मतों से जीत गयी हैं। इसके बाद फिर खबर आई की शुभेंदु अधिकारी १९५७य् मतों से जीत गए है। ममता बनर्जी ने कहा है की एक सीट से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है हमने बंगाल जीता है। नंदीग्राम में मेरे साथ चीटिंग हुई है। नंदीग्राम के लोगों का फैसला मुझे मंजूर है लेकिन यहाँ जो कुछ किया गया है उसके खिलाफ मई न्यायालय में चुनौती दूंगी। टीएमसी की जीत पर प्रधान मंत्री नरेद्र मोदी के दीदी ओ दीदी वाले बयान पर टीएमसी की सांसद काकोली घोष दस्तगीर ने पूंछा कि दीदी ओ दीदी कहने वाले दादा कहाँ चले गए। सांसद काकोली ने कहा कि यह बंगाल है यार यहाँ झूठ नहीं चलता।