ठाणे [ युनिस खान ] कोरोना काल में बेड , इंजेक्शन व वैक्सीन पर बड़े नेताओं के करीबी अपना अधिकार जमा रहे हैं जिससे आम मरीज को आरोग्य सुविधाएँ मिलने ने समस्या हो रही है। बड़े नेताओं के करीब आरोग्य यंत्रणा पर दबाव बनाकर टोकन लिए बगैर वैक्सीन के भण्डार पर अधिकार जमा रहे हैं। इस आशय का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए विधायक संजय केलकर ने नेताओं के करीबियों को रोकने की मांग प्रशासन से की गई।
उन्होंने कहा है कि टीकाकरण मुहीम में गड़बड़ी का मुद्दा कुछ दिन पहले मनपा की स्थाई समिति में उठा था। जिसमें कहा गया कि कुछ नेताओं के करीबी अपने प्रभागों में वैक्सीन का भंडार देने के लिए केंद्र अधिकारीयों पर दबाव बना रहे हैं। इसके बाद मनपा के ग्लोबल अस्पताल में नेताओं के माध्यम से बगैर टोकन वशिलेबाजों को वीआयपी कक्ष में टीकाकारन करने का खुलाशा भाजपा की ओर से किया गया था। उक्त घटनाओं को लेकर विधायक केलकर ने कहा है कि कुछ बड़े नेताओं के करीबियों की ओर से कोरोना काल में आरोग्य सेवाओं में गोलमाल किया जा रहा है। टीकाकरण में बड़े नेताओं के हस्तक्षेप को रोकने के लिए प्रशासन को हमने सूचित किया है। विधायक केलकर ने कहा है कि एक ओर आम नागरिक कतार में खड़ा है कि उसका नंबर आये और उसे आरोग्य सेवा का लाभ मिले। दूसरी ओर बड़े नेताओं के करीबी आरोग्य सामग्री पर अपना अधिकार जमाकर अपने लोगों को लाभ दिला रहे हैं। ऐसी स्थिति में आम जनता परेशान है और जनता के सेवक अपनी राजनितिक ताकत के बल आरोग्य सेवाओं को अपने तरीके से चलाने की कोशिस कर रहे है। पहले भी राजनितिक दल के कार्यालय या उनके करीबी लोगों के माध्यम से सरकारी आरोग्य सेवा देने की बात सामने आने पर कुछ नेताओं ने कहा था की यदि सरकारी सेवा राजनितिक दलों के कार्यालय से दी जाती है। ऐसा होने पर सभी राजनितिक दलों को यह सुविधा मिलना चाहिए जिससे वह अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों की सेवा कर सकें। सरकारी सेवाओं का इसी तरह राजनीतिकरण किया गया तो आम जनता का क्या होगा ऐसा सवाल उठाने लगा है। एक बार जरुरतमंदों की राज नेताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सिफारिश करना और सुविधा दिलाने तक की बात तो समझ में आती है लेकिन सरकारी सेवाओं को निजी या राजनितिक कार्यालय के माध्यम उपलब्ध कराना कितना उचित है। यह आम नागरिकों व जरूरतमंद लोगों के लिए परेशानी का कारण बनने लगा है। इस पर अविलंब रोक लगाना चाहिए।