भिवंडी [ अमन न्यूज नेटवर्क ] भिवंडी में जिस विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है वही सरकारी यंत्रणा स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ा कर मजाक बनाती नजर आ रही है. भिवंडी सार्वजनिक बांधकाम विभाग व तहसील कार्यालय के अधिकारियों के गैरजिम्मेदाराना पूर्ण रवैया से तहसीलदार कार्यालय के परिसर में स्वच्छता का अभाव सहित शौचालय की स्थिति बेहद खराब नर्क समान है.भिवंडी तहसीलदार कार्यालय में रोजाना कामकाज के लिए आने वाले हजारों नागरिकों व महिलाओं को नाक मुंह बंद कर ऐनकेन प्रकारेण शौचालय का उपयोग करना पड़ रहा है जिसके कारण नागरिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है.नागरिकों की शिकायत है कि भिवंडी में नेता और अधिकारी स्वच्छता अभियान के नाम पर केवल फोटो खिंचा कर अपना प्रचार प्रसार करते नजर आते हैं, जबकि जमीनी हकीकत वास्तविकता से बहुत दूर है.
गौरतलब हो कि, केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शासन प्रशासन के अधिकारी केवल दिखाने के लिए हाथ में झाड़ू लेकर साफ सफाई करते नजर आते हैं.सरकार द्वारा ऐसे ही लापरवाह अधिकारियों के जिम्मे स्वच्छता अभियान की कमान थमाई गई है. भिवंडी तहसील कार्यालय के परिसर में मौजूद शौचालय की दशा बेहद खराब और शर्मनाक है .नागरिकों की शिकायत है कि भिवंडी तहसील कार्यालय परिसर में मौजूद शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है, जिसके लिए विशेषकर महिलाओं को काफी परेशानी व शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है.इसी परिसर में मंडल अधिकारी कार्यालय, तलाठी तथा रजिस्ट्रार ऑफिस है.तहसील परिसर में ही भिवंडी तालुका पुलिस स्टेशन, पुलिस उपायुक्त कार्यालय, सेतु कार्यालय ,पंचायत समिति कार्यालय आदि महत्वपूर्ण विभाग के आफिस हैं जिसमें शहर व ग्रामीण भाग के किसान, नागरिक, महिला, विद्यार्थी बड़ी संख्या में प्रतिदिन तहसील कार्यालय के परिसर में काम के लिए आते हैं.पूरा शौचालय बेहद गंदा होने की वजह से शौच जाने में लोग भारी दिक्कत झेलते हैं.
भिवंडी तहसील कार्यालय में रोजाना हजारों की संख्या में लोग शहर से लेकर ग्रामीण तक अपने काम के लिए आते हैं.परिसर साफ सफाई व शौचालय की खराब स्थिति को देखकर नागरिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है. जागरूक नागरिकों की भिवंडी तहसीलदार से मांग है कि शौचालय को साफ सुथरा करके उसमें हमेशा पानी की व्यवस्था की जाए. तहसील कार्यालय प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना पूर्ण रवैए से नागरिकों को शौचालय जैसी महत्वपूर्ण और अतिआवश्यक सुविधा से वंचित रहना पड़ता है.आश्चर्य है कि केंद्र सरकार ने घर घर में शौचालय बनाने के लिए अनुदान की व्यवस्था की है लेकिन प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा जा रही इस महत्वपूर्ण योजना की भिवंडी तहसील कार्यालय परिसर में धज्जियां उड़ाई जा रही है. नागरिकों की तरफ से सवाल उठाया जा रहा है कि एक तरफ सरकार शौचालयों के निर्माण और स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपया खर्च कर रही है लेकिन महत्वपूर्ण योजना को चलाने वाले विभाग तहसील कार्यालय में इस महत्वपूर्ण योजना को साकार करने के लिए अधिकारियों द्वारा ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है ?शहर के जागरूक नागरिकों का आरोप है कि भिवंडी शहर में स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़.रही हैं.मनपा द्वारा प्रतिमाह करीब डेढ़ करोड़ खर्च किए जाने के।बावजूद सर्वत्र गंदगी ही गंदगी फैली हुई है.शहर स्वच्छता को लेकर मनपा प्रशासन का आरोग्य विभाग पर कोई कंट्रोल ही नहीं है.मनपा आरोग्य अधिकारी सब कुछ जान समझकर ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं करते जिसका एकमेव कारण आरोग्य अधिकारी की जेब ठेकेदार द्वारा गर्म किया जाना है