ठाणे [ युनिस खान ] कोरोना के कहर में अपने जान की बाजी लगाकर मरीजों का उपचार करने वाले ग्लोबल कोविड अस्पताल के 46 डाक्टरों की सेवा अचानक समाप्त करने का मनपा प्रशासन प्रयास कर रही है। इसमें 38 डाक्टरों को मनपा ने नोटिस जारी किया है। इस आशय जानकारी देते हुए मनपा में विरोधी पक्षनेता अशरफ शानू पठान ने डाक्टरों को मनपा की सेवा में स्थाई करने की मांग किया है। उन्होंने कहा है कि जब जरुरत थी सिर पर बैठाया और जरुरत निकल गयी तो वैद्य मरे यह हम सहन नहीं करेंगे।
कोरोना की दूसरी लहर में मनुष्यबल कम पड़ने पर मनपा के ग्लोबल कोविड अस्पताल में बीयुएमएस डाक्टरों की सेवा ली गयी। उन्हें तैनात कर करीब 60 हजार से सवा लाख रूपये की वेतन दिया गया। विपरीत परिस्थितियों में डाक्टरों ने कोरोना मरीजों को सेवा देते समय अनेक डाक्टर कोरोना संक्रमित हुए। उन्होंने अपनी परवाह न कर मरीजों की सेवा को महत्त्व दिया। आज कोरोना मरीजों की संख्या कम होते ही डाक्टरों की संख्या कम करने का मनपा की ओर से निर्णय लिया जा रहा है। उक्त डाक्टरों का प्रतिनिधि मंडल मनपा में विरोधी पक्षनेता पठान से मिलकर न्याय दिलाने हेतु ज्ञापन दिया है। पठान ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देते हुए कहा है कि हम किसी भी हालत में अन्याय नहीं होने देंगे। जिन डाक्टरों ने कोरोना से पीड़ित नागरिकों की जान बचाने में दिन रात मेहनत की आज उन्हें उनकी हाल पर छोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। मनपा के कदम से आज डाक्टरों में निराशा फ़ैल गयी है। पठान ने कहा है कि कोरोना काल में सेवा देने वाले डाक्टरों उपकार के फलस्वरूप सभी डाक्टरों को मनपा की कौसा में बने नए अस्पताल व मनपा के अन्य अस्पतालों में नियुक्त किया जाय। उन्होंने कहा है कि डाक्टरों को न्याय दिलाने के लिए मनपा आयुक्त डा विपिन शर्मा और राज्य के गृह निर्माण मंत्री डा जितेन्द्र आव्हाड से बात कर न्याय दिलाने प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा आवश्यक होने पर मनपा मुख्यालय सामने बैठकर आन्दोलन भी करेंगे।
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