Aman Samachar
ब्रेकिंग न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़स्वास्थ्य

नानावटी मैक्स अस्पताल में गंभीर मोटापे से ग्रस्त, कोविड-19 के उच्च जोखिम वाले 2 मरीजों को दी गई एंटीबॉडी थेरेपी, हुई जल्दी रिकवरी

50-60 वर्ष की आयु वर्ग के चार हाई रिस्क वाले कोविड-19 मरीजों को दी गई थेरेपी, हफ्ते भर में दिखी रिकवरी 
मुंबई,  कोविड-19 के हल्के लक्षणों, लेकिन उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए कारगर ट्रीटमेंट समझी जाने वाली, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी, ने नानावती मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चार रोगियों को प्रभावी रूप से रिकवर होने में मदद की है। 1 जून से, मल्टीपल को-मॉर्बिडिटी वाले चार मरीजों को सफलतापूर्वक कॉकटेल थेरेपी दी गई है, इनमें गंभीर मोटापे से ग्रस्त ऐसे दो लोग भी शामिल हैं जिनका बीएमआई 45 से अधिक है।
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रयोगशाला निर्मित प्रोटीन होते हैं जो हानिकारक पैथोजंस से लड़ने की प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता की नकल करते हैं। दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज; बाम्लानिविमैब और एटेसेविमैब को विशेष रूप से सार्स-कोव-2 के स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ इस्तेमाल में लाया जाता है, जिसे वायरस के अटैचमेंट और मानव कोशिकाओं में उसके प्रवेश को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जिसका असर तेजी से रिकवरी के रूप में होता है। फरवरी 2021 में, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने हल्के से मध्यम लक्षण वाले कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए एंटीबॉडी कॉकटेल के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी थी। म्यूटेशन को कम करने के लिए मई 2021 में भारत में थेरेपी को देना शुरू किया गया।
58 साल की उम्र के गंभीर रूप से मोटापे से ग्रस्त, लंबे समय से धूम्रपान करने वाले, 130 किग्रा (बीएमआई 46) वजन और गंभीर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सिंड्रोम के इतिहास वाले एक बुजुर्ग 2 जून को एंटीबॉडी कॉकटेल पाने वाले पहला व्यक्ति थे।
 नानावती मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पल्मोनोलॉजी के कंसल्टेंट, डॉ सलिल बेंद्रे ने कहा “वह बिना हाइपोक्सिया के एक हाई रिस्क वाला मरीज था लेकिन उनमें शरीर में दर्द जैसा हल्का लक्षण था। चूंकि रोगी का टेस्ट 30 मई को पॉजिटिव आया था, इसलिए हमने गंभीर कोविड-19 बीमारी के खतरे की आशंका के मद्देनजर मोनोक्लोनल कॉकटेल देने का फैसला किया। मरीज को 48 घंटे तक निगरानी में रखा गया और उसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। मरीज को उनकी मौजूदा को-मॉर्बिडिटी की वजह गंभीर कोविड-19 खतरे का सामना करना पड़ सकता था। लेकिन दो हफ्ते बाद, वह स्टेबल और एसिम्प्टोमैटिक हैं।”
एक अन्य पोलियोमाइलाइटिस, हाइपरटेंशन और हल्के मधुमेह के इतिहास वाली 125 किग्रा (बीएमआई 45) वजन वाली, 50 वर्षीय महिला में भी महत्वपूर्ण रिकवरी देखने को मिली है।
महिला का इलाज कर रहे नानावती मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, एंडोक्रिनोलॉजी एंड डायबेटोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ गिरीश परमार के कहा कि कोविड-19 संक्रमण के 7वें दिन वह अस्पताल आईं । डॉ. परमार ने कहा “मरीज में खांसी और बुखार के हल्के लक्षण थे। चूंकि वह एक उच्च जोखिम वाली मरीज थीं, इसलिए हमने 9 जून को उन्हें मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल किया। फिलहाल वह एसिम्प्टोमैटिक हैं और तेजी से रिकवरी कर रही हैं।”
एंटीबॉडी कॉकटेल पाने करने वाले अन्य दो रोगियों में अनियंत्रित मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रही एक 50 वर्षीय महिला और उच्च रक्तचाप से पीड़ित 57 वर्षीय व्यक्ति शामिल हैं, जिनका बुखार सात दिनों तक कम नहीं हुआ। दोनों रोगियों में हल्के लक्षण थे लेकिन को-मॉर्बिडिटी के बावजूद, मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज की वजह से जल्दी रिकवरी के संकेत मिले।
एंटीबॉडी कॉकटेल थेरेपी के बारे में बताते हुए, नानावटी मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और हेड ऑपरेशंस सुश्री मंगलाडेम्बी ने कहा, “हमें चिकित्सा विशेषज्ञों की हमारी अनुभवी टीम पर गर्व है, जिन्होंने इस थेरेपी का इस्तेमाल करते हुए सभी चार उच्च जोखिम वाले रोगियों में संभावित गंभीर संक्रमण को सफलतापूर्वक रोका। मरीजों में अच्छी रिकवरी देखने को मिली है। हम अपने सभी मरीजों को सबसे एडवांस्ड क्लीनिकल सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने के अपने प्रयास को जारी रखेंगे।

संबंधित पोस्ट

जालान कालरॉक कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज को फिर सक्रिय करने के लिए संजीव कपूर को नियुक्त किया सीईओ

Aman Samachar

फायर आडिट रिपोर्ट न देने वाली शहर निजी अस्पतालों को व्यवसाय की अनुमति नहीं 

Aman Samachar

प्रतिबंधित बैंक से खाते के ग्राहक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम दिया चेक 

Aman Samachar

नवोदय विद्यालय में मुफ्त शिक्षा के लिए जिलाधिकारी ने किया आवाहन 

Aman Samachar

गोदम में लगी भीषण आग में 3 गोदाम जलकर खाक

Aman Samachar

मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल एनआईसीयू समय से पहले देखभाल में असाधारण जीत का मनाया जश्न

Aman Samachar
error: Content is protected !!