ठाणे [ युनिस खान ] मेट्रो प्रकल्प के लिए लागू विकास शुल्क वसूल नहीं करने से मनपा का 308 करोड़ रूपये के राजस्व का नुकसान होने का मामला सामने आया है। मनपा ने 96 करोड़ रूपये बिल्डरों से वसूल किया है लेकिन किन बिल्डरों से कितनी राशि प्रलंबित है इसका सही आंकड़ा मनपा के पास उपलब्ध नहीं होना चिंता का सबब है। आज नगर सेवक अर्चना मनेरा ने विकास शुल्क वसूली का मामला उठाकर मनपा प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है।
उन्होंने महासभा में मुद्दा उठाते हुए कहा कि मनपा ने मेट्रो प्रकल्प पर विकास शुल्क लगाया है। इसके बावजूद मनपा ने 1 मार्च 2017 से मई 2019 के दौरान विकास शुल्क वसूल नहीं किया जिससे मनपा को 308 करोड़ 12 लाख रूपये का नुक्सान होने की बात कैग की रिपोर्ट में सामने आया है। इस मुद्दे को नगर सेविका मनेरा ने महासभा में उठाया जिस पर मनपा प्रशासन की ओर से धक्कादायक जानकारी सामने आई है। मनपा की ओर से बिल्डरों से विकास शुल्क की वसूली शुरू की गयी है जिसमें अब तक 96 करोड़ रूपये वसूल की गयी है। शहर विकास विभाग ने बताया है कि बाकी राशि एक वर्ष में वसूल की जायेगी। बिल्डरों को दिए पत्र संकलित नहीं किये जाने से उनकी सूची उपलब्ध नहीं है। नगर सेविका मनेरा ने कहा है कि बिल्डरों से बकाया राशि वसूल करने के लिए एक वर्ष का समय निश्चित किया है लेकिन सामान्य नागरिकों से कर व पानी बिल वसूली के लिए कड़ाई की जाती है। बिल्डरों को बकाये के भुगतान के लिए दो दो वर्ष का समय दिया जा रहा है ऐसा सवाल उठाया है। नगर सेविका मनेरा ने बिल्डरों से बकाया वसूली के लिए सक्ती करने का सुझाव देते हुए कहा है कि मनपा पर कर्ज लेने की स्थिति उत्पन्न हुई है और बिल्डरों को बकाये के भुगतान के लिए दो वर्ष का समय दिया जा रहा है। उन्होंने कहा है की विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों के बिल भुगतान के लिए मनपा के पास पैसे नहीं हैं। उन्होंने बिल्डरों से बकाया वसूली करने के लिए सक्ती करने की मांग किया है।