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भारत बायोटेक ने COVAXIN® की कारगरता के लिए तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल का अंतिम विश्लेषण किया

  • कारगरता संबंधी विश्लेषण से पता चलता है कि COVAXIN® सिम्प्टोमैटिक कोविड-19 के खिलाफ 77.8% प्रभावी है। इसके तहत 130 पुष्ट मामलों का मूल्यांकन किया गया‚ जिसमें वैक्सीन समूह में 24 लोगों को जबकि प्लेसीबो समूह में 106 लोगों को शामिल किया गया।
  • कारगरता विश्लेषण से पता चलता है कि COVAXIN® गंभीर सिम्प्टोमैटिक कोविड-19 के खिलाफ 93.4% प्रभावी है।
  • सुरक्षा विश्लेषण से पता चलता है कि टीके के दुष्प्रभाव प्लेसीबो के समान थे। 12% लोगों में आमतौर पर सामान्य दुष्प्रभाव और 0.5% से कम लोगों में गंभीर दुष्प्रभाव रिपोर्ट किया गया।
  • कारगरता डेटा से पता चलता है कि यह एसिम्प्टोमैटिक कोविड-19 के खिलाफ 63.6% सुरक्षा प्रदान करता है।
  • कारगरता डेटा से यह भी पता चलता है कि यह SARS-CoV-2, B.1.617.2 डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2% सुरक्षा प्रदान करता है।

मुंबई, 3 जुलाई, 2021 : वैक्सीन के विकास और नये अनुसंधानों में दुनिया भर में अग्रणी‚ भारत बायोटेक ने आज COVAXIN® के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल से सुरक्षा और कारगरता विश्लेषण डेटा जारी किया। SARS-CoV2 को पूरी तरह से निष्क्रिय करने वाला यह टीका आईसीएमआर और एनआईवी पुणे के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है।

COVAXIN® के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में 130 सिम्प्टोमैटिक कोविड-19 मामलों का विश्लेषण किया गया था। यह विश्लेषण भारत भर में 25 स्थानों पर किया गया‚ जो कि इसकी दूसरी खुराक के कम से कम दो सप्ताह बाद किया गया था। COVAXIN® एक नये Algel+IMDG सहायक के साथ तैयार किया गया है। आईएमडीजीएक एक टीएलआर7/8 एगोनिस्ट है जो मजबूत न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी के साथ मेमोरी टी सेल प्रतिक्रियाओं को प्रेरित करने के लिए जाना जाता है। कोशिका मध्यस्थता वाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं की सक्रियता COVAXIN® जैसे मल्टी एपिटोप वैक्सीन में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां एस, आरबीडी और एन प्रोटीन से समान रूप से प्रतिरक्षा सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है। आईएमडीजी को विरोवैक्स और एनआईएआईडी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ यूएसए के बीच साझेदारी के तहत विकसित किया गया था।

COVAXIN® से लोगों में कोई खास दुष्प्रभाव सामने नहीं आये थे और डेटा सुरक्षा मॉनिटरिंग बोर्ड ने टीके से संबंधित किसी भी सुरक्षा संबंधी चिंता की सूचना नहीं दी है। COVAXIN® में देखे गये प्रतिकूल प्रभावों की समग्र दर अन्य कोविड-19 टीकों की तुलना में कम थी। COVAXIN® की सुरक्षा प्रोफ़ाइल अब इनऐक्टिवेटेड वैक्सीन की तकनीक के आधार पर अच्छी तरह से स्थापित हो चुकी है, और भारत बायोटेक के वेरो सेल मैनुफैक्चरिंग प्लेटफार्म के व्यापक 20 साल के सुरक्षा ट्रैक रिकॉर्ड के कारण संभव हुआ है। इसके अलावा, भारत बायोटेक ने अब तक सरकारों से COVAXIN® के लिए क्षतिपूर्ति नहीं मांगी है।

बिना लाइसेंस वाली कोई भी SARS-CoV-2 वैक्सीन के बारे में qPCR परीक्षण के आधार पर रैंडम कंट्रोल्ड ट्रायल में बिना लक्षण वाले संक्रमण के खिलाफ कारगरता की सूचना नहीं मिली है। COVAXIN® qPCR परीक्षण के आधार पर बिना लक्षण वाले संक्रमणों के खिलाफ आशाजनक प्रभावी पाया जाने वाला पहला टीका है जो रोग संचरण को कम करने में मदद करेगा।

भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने कहा, “भारत में अब तक के सबसे बड़े कोविड टीकों के परीक्षण के परिणामस्वरूप COVAXIN® की सफल सुरक्षा और कारगरता रीडआउट भारत और विकासशील दुनिया के देशों की नवाचारों और नये उत्पाद विकास की ओर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को स्थापित करती है। हमें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि भारत की ओर से किया गया नवाचार अब वैश्विक आबादी की सुरक्षा के लिए उपलब्ध होगा।”

COVAXIN® को विशेष रूप से वैश्विक वितरण श्रृंखलाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है, जिनकी आवश्यकताएं निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक महत्वपूर्ण हैं। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि इसे 2-8ºC तापमान पर कहीं ले जाना और लंबी अवधि तक भंडारण करना संभव होगा। इसमें मल्टी-डोज वाइअल पॉलिसी का भी पालन किया गया है, जिससे खुली शीशी से होने वाली बर्बादी कम हो जाती है, और खरीद एजेंसियों और सरकारों को समान रूप से पैसे की बचत होती है।

स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) बलराम भार्गव ने कहा, “मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि एक प्रभावी सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत आईसीएमआर और बीबीआईएल द्वारा विकसित COVAXIN® ने भारत के अब तक के सबसे बड़े कोविड चरण 3 क्लिनिकल परीक्षण में 77.8% की कारगरता का समग्र प्रदर्शन किया है।  आईसीएमआर और बीबीआईएल के हमारे वैज्ञानिकों ने उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों का वास्तव में प्रभावी

टीका देने के लिए अथक प्रयास किया है। COVAXIN® से न केवल भारतीय नागरिकों को लाभ होगा, बल्कि यह दुनिया भर के लोगों को घातक SARS-CoV-2 वायरस से बचाने में भी बहुत योगदान देगा। मुझे यह देखकर भी खुशी हो रही है कि COVAXIN® SARS-CoV-2 के सभी वैरिएंट स्ट्रेनों के खिलाफ

अच्छा काम करता है। COVAXIN® के सफल विकास ने वैश्विक क्षेत्र में भारतीय शिक्षा और उद्योग की स्थिति को मजबूत किया है।”

भारत बायोटेक विज्ञान द्वारा संचालित और अनुभवजन्य साक्ष्य द्वारा मान्य कंपनी है। डेटा पारदर्शिता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता COVAXIN® पर 10 प्रकाशनों के साथ फिर से साबित हुई है, जिसमें 12 महीनों के भीतर उत्पाद विकास के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।

COVAXIN® के निरंतर सुधार के लिए भारत बायोटेक की प्रतिबद्धता 2-18 वर्ष की आयु के बच्चों में सुरक्षा और कारगरता स्थापित करने के लिए अतिरिक्त क्लिनिकल ट्रायल के साथ जारी है। बूस्टर खुराक की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता को निर्धारित करने के लिए एक क्लिनिकल ट्रायल भी प्रक्रिया में है। चिंताजनक वैरिएंट का अध्ययन करने और फौलो अप बूस्टर खुराक के लिए उनकी उपयुक्तता का आकलन करने के लिए कई शोध गतिविधियां की जा रही हैं।

भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक श्रीमती सुचित्रा एला ने कहा, “भारत बायोटेक में यह सभी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि हम COVAXIN® के अंतिम तीसरे चरण के परिणामों और इसकी 77.8% की कारगरता की घोषणा करते हैं। हम आईसीएमआर, एनआईवी-पुणे, विरोवैक्स, डीएसएमबी और अधिनिर्णायक समिति को धन्यवाद देना चाहते हैं। हम अपने क्लिनिकल स्थानों, मुख्य जांचकर्ताओं, आईक्यूवीआईए और प्रत्येक प्रतिभागी को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने COVAXIN® में अपना विश्वास व्यक्त किया है। महामारी और लॉकडाउन में विभिन्न प्रकार की शारीरिक चुनौतियों, तनाव और 24×7 प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य करने के दबाव को सहन करने के लिए हम अपने सभी कर्मचारियों को ईमानदारी से धन्यवाद देते हैं। हम विशेष रूप से परियोजना का नेतृत्व करने के लिए हमारी चिकित्सा मामलों की टीम, तकनीकी और मार्केटिंग टीमों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने मई 2020 से देश भर में 25 स्थानों पर क्लिनिकल परीक्षण और समन्वय को पूरा करने के लिए निरंतर काम किया।

COVAXIN® का बी.1.617.2 (डेल्टा), बी.1.617.1 (कप्पा), बी.1.1.7 (अल्फा), बी.1.351 (बीटा), पी2- B.1.1.28 (गामा) जैसे कई प्रकार के चिंताजनक वैरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं को बेअसर करके मूल्यांकन किया गया है। इन अध्ययनों के डेटा को बड़े पैमाने पर पीयर रिव्यूड जर्नलों में प्रकाशित किया गया है और यह पब्लिक डोमेन में समीक्षा के लिए भी उपलब्ध है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी आईसीएमआर की निदेशक (डॉ) प्रिया अब्राहम ने कहा, “कोवैक्सिन® के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के बाद 77.8% की समग्र कारगरता अद्भुत खबर है। इस लंबी यात्रा के दौरान आईसीएमआर-एनआईवी और बीबीआईएल के बीच बहुत ही उपयोगी बातचीत हुई है। COVAXIN® प्राप्तकर्ताओं के सेरा का मूल्यांकन भारत में पाए गए वायरल वेरिएंट यानी अल्फा, बीटा,

जेटा, कप्पा और डेल्टा के खिलाफ भी किया गया है। पूरी तरह से भारतीय धरती पर इस वैक्सीन का बनना हर भारतीय के लिए बड़े गर्व की बात है।

COVAXIN® को अब 16 देशों में आपातकालीन उपयोग की आधिकारिक अनुमति मिल चुकी है, जिनमें ब्राजील, भारत, फिलीपींस, ईरान, मैक्सिको आदि शामिल हैं और दुनिया भर के 50 देशों में ईयूए प्रक्रिया में है। कंपनी COVAXIN® के लिए आपातकालीन उपयोग सूची में जगह बनाने के लिए डब्ल्युएचओ के साथ बातकर रही है। उत्पाद को कई देशों में निर्यात किया गया है और इसकी आपूर्ति के लिए और भी अनुरोध आ रहे हैं।

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