भिवंडी [ एम हुसेन ] भिवंडी शहर मजदूर बहुल क्षेत्र के रूप में जाना पहचाना जाता है ,इस शहर में रहने वाले गरीब व सामान्य मरीजों का उपचार के लिए एमबीबीएस डॉक्टरों की आरसीएच (प्रजनत बाल आरोग्य अधिकारी) के रूप में नियुक्ति की जाती है। कम दर्जे के वैद्यकीय अधिकऱियों की नियुक्ति करने से शहर की वैद्यकीय व्यवस्था चरमरा गई है ।
कनिष्ठ वैद्यकीय अधिकारयों के नियोजन के अभाव के कारण शहर के पांच कोविड टीकाकरण सेंटर को बंद करना पडा था। नागरिकों को उपचार कराने में बहुत परेशानी उठानी पडती थी। जिसके कारण नियुक्त कनिष्ठ डॉक्टरों का कार्यभार असंतोषजशक होने से इनकी नियुक्ति को स्वंय महापौर प्रतिभाताई पाटील ने संज्ञान में लेते हुए उनकी नियुक्ति रद्द करने की मांग मनपा आयुक्त तथा मनपा के मुख्य आरोग्य अधिकारियों से की है। तत्कालीन आयुक्त डॉ. पंकज आशिया ने 25 जनवरी 2021 को डॉ. वर्षा बारोड नामक कनिष्ठ दर्जे के बीएएमएएस डॉक्टर की आरसीएच (प्रजनत बाल आरोग्य ) के रूप में नियुक्ति की है। देखा जाए तो नियमानुसार इस पद पर एमबीबीएस डॉक्टर की आरसीएच (प्रजनत बाल आरोग्य अधिकारी) के रूप में नियुक्त करना अपेक्षित था। परंतु वसीला के चलते इस स्थान पर कनिष्ठ डॉक्टर डॉ. वर्षा बारोड के पास पदभार दिया गया है ।इसके विरोध में महापौर श्रीमती प्रतिभाताई पाटील ने उक्त नियुक्ति को रद्द करने की मांग पत्र 29 अप्रैल 2021 को दिया था । इस पत्र को गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए मनपा के मुख्य आरोग्य अधिकारी डॉ. के. आर. खरात ने 7 जून 2021 को मनपा प्रशासन को रिपोर्ट प्रस्तुत किया है। महानगरपालिका प्रशासन इस पर निर्णय लेकर जिस एमबीबीएस डॉक्टर पर अन्याय हुआ है उन्हें न्याय देकर कनिष्ठ डॉक्टर की नियुक्ति रद्द करने के निर्णय पर सभी का ध्यान केंद्रित है ।