प्रान्त अधिकारी को दिया अपनी मांगों का ज्ञापन
भिवंडी [ युनिस खान ] सराफा व्यवसाय के लिए हालमार्क [ एचयूआयडी] अनिवार्य किये जाने के केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में भिवंडी सराफा बाजार असोसिएशन के आवाहन पर करीब 200 सराफा व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद रखा। असोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप राकां के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल प्रांत अधिकारी वाघचौरे से मिलकर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन दिया है। हालमार्क अनिवार्य करने के साथ नयी शर्तें लागू किये जाने से एक बार फिर सराफा व्यवसायी अपनी मांगों को लेकर सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे हैं।
भिवंडी सराफा असोसिएशन के अध्यक्ष राकां ने कहा है कि केंद्र सरकार सराफा व्यवसाय के लिए हालमार्क को अनिवार्य करने के साथ कुछ नए नियम लगा दिए हैं। सरकार के नए नियमों का उलंघन करने वाले सराफा व्यवसायी का लाईसेंस रद्द करने का प्रावधान है। ऐसे हालात में सराफा व्यवसाय करना आम व्यवसायी के लिए मुश्किल हो जायेगा। उन्होंने कहा है कि एक बार फिर इस क्षेत्र में इन्स्पेक्टर राज लाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रांत अधिकारी वाघचौरे को दिए ज्ञापन में असोसिएशन ने कहा है कि गत 16 वर्षों से नई हालमार्क प्रणाली सुचारू रूप से चल रही है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने सराफा व्यसाय क्षेत्र से बगैर की प्रकार की चर्च किये कुछ नई शर्तों के साथ नया नियम लाया है। प्रान्त अधिकारी वाघचौरे को ज्ञापन देने वाले देवराज राकां , गहरीलाल बाफना , पप्पू जैन ,प्रकाश जैन ,गौतम बम्बकी ,महावीर जैन , रमेश जैन आदि शामिल थे। असोसिएशन का कहना है कि इन्स्पेक्टर राज से सराफा व्यापार चौपट हो जाएगा । बीआईएस अधिनियम की धारा 29 के तहत अधिकारीयों सराफा व्यवसायी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर अपराधियों की कतार में खड़ा करने का अधिकार देता है। इसमें 10 हजार रूपये के जुर्माने , कारावास व लाईसेंस रद्द करने जैसे अधिकार दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में सराफा व्यवसाय करना मुश्किल हो जाएगा। पप्पू राकां ने कहा है कि सराफा उद्योग को सुरक्षा देने व उसे बचाने के लिए नए प्रावधानों को हटाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि जेवरात की शुद्धता की जिम्मेदारी सराफा व्यवसायी पर छोड़ देना चाहिए। हालमार्क केंद्र के बीआईएस के अधीन आता है जो बीआईएस की निर्धारित प्रक्रियाओं व दिशानिर्देश का पालन कर आभूषणों का परीक्षण करता है। राकां न कहा है की हालमार्क पर सराफा उद्योग का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता है। हालमार्क प्रक्रिया के तहत सेंटरों पर ही आभूषण की शुद्धता की जिम्मेदारी डालना चाहिए। असोसिएशन ने सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है।