मुंबई , “जेनेरिक आधार” ये भारत को जीवनदायी दवाओं के लिए एक बेहतर स्थान बनाने का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है और साथ ही भारतीय परिवार को अत्यधिक महंगी मेडिसिन बिल के अपने मासिक बजट को कम करने के लिए समर्थन भी करता है.
आम आदमी इस बात से अनजान है कि ब्रांडेड दवाइयां केवल अनब्रांडेड जेनेरिक दवाओं के अलावा कुछ भी नहीं हैं और इसका प्रभाव और इसकी गुणवत्ता समान रूप से योग्य हैं, लेकिन इसकी हाई मार्केटिंग और प्रोमोशनल स्ट्रैटेजी की वजह से इसकी अनावश्यक उच्च कीमतें जनता को प्रभावित करती हैं और बड़े पैमाने पर वरिष्ठ पेंशन नागरिकों को प्रभावित करती हैं.
जब विश्व स्तर पर कोविड-19 लहर की वजह से पूरी दुनिया रुक गई. जेनेरिक आधार रिवोल्यूशनरी ने फार्मा उद्योग को हिला दिया और सिंगल रिटेल स्टोर्स को मजबूत समर्थन दिया और केवल 4 महीने के अंतराल में पूरे भारत में 130+ शहरों तक पहुंचने का रिकॉर्ड बनाया. दुनिया भर के इन सिंगल रिटेल स्टोर्स ने प्रमुख भूमिका निभाई और अपने स्टोर के माध्यम से समाज की सेवा में आगे बढ़े और महामारी के दौरान जमीनी स्तर पर आम आदमी की मदद की.
हालांकि, ऑनलाइन फार्मेसी और बिग मेडिकल मॉल की उच्च प्रतिस्पर्धा की वजह से ये सिंगल रिटेलर पैन इंडिया भारतीय फार्मा मार्केट में जीवित रहने की दौड़ में हार गए थे. जेनेरिक आधार एकमात्र कंपनी है जिसके पास अपना एकमात्र स्टोर नहीं है, लेकिन सिंगल स्टोर मालिकों को उद्यमी बनाने का अधिकार है और युवा संस्थापक फार्मासिस्ट को पूरे राष्ट्र में सेल्फ ट्रस्टेंट होने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.
*जेनेरिक आधार के संस्थापक श्री अर्जुन देशपांडे ने गर्व से कहा…*“ आज हमने जेनरिक आधार “गिरगांव आमची मुंबई” मैं जेनेरिक आधार एक्सक्लूसिव रिटेल फ्रैंचाइज़ स्टोर उद्घाटन किया है जिसमें आम जनता को लाभ पहुंचाने का प्रयास हम कर रहे हैं.
अपने इनोवेटिव फार्मा वेंचर के जरिए मैं भारत के युवाओं को इनोवेटिव सोचने के लिए अपील कर रहा हूं कि इनोवेटिव को जॉब क्रिएटर बनाया जाए और भारतीय इकोनॉमी को भी बढ़ावा दिया जाए और हमारे वेंचर जेनरिक आधार के जरिए इंडिपेंडेंट बनने के लिए महिला एंटरप्रेन्योर को पूरा सपोर्ट दिया जाए. गिरगांव और मुंबई के अन्य विभागो मे भी हम जल्द ही 500+ से अधिक स्टोर लांच करेंगे…
जेनेरिक आधार के बारे में
जेनेरिक आधार एक भारतीय फार्मा कंपनी है. आंकड़ों के अनुसार, लगभग 60 फीसदी भारतीय अपनी रोजमर्रा की दवाओं को खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं. बाजार की आवश्यकताओं को देखते हुए, एक 16 वर्षीय अर्जुन देशपांडे ने फार्मा उद्योग पर अपनी नजरें बनाईं. हर भारतीय को दवाइयां उपलब्ध कराने का एकमात्र मिशन.
अर्जुन देशपांडे, भारत के सबसे युवा उद्यमी हैं, जिन्होंने अभिनव उपक्रम, जेनरिक आधार की स्थापना की. जब अर्जुन देशपांडे के बिजनेस मॉड्यूल के बारे में महान व्यवसायी रतन टाटा को पता चला तो वो बहुत प्रभावित हुए और भारत में बेहतर हेल्थकेयर के लिए अद्वितीय फार्मा बिजनेस जरिए उनकी दृष्टि का समर्थन करने के लिए उनसे हाथ मिलाया.