मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] महाराष्ट्र में बसे उत्तर भारतीय लोग कई पीढ़ियों से रोजी रोटी हेतु राज्य के कई जिलों में स्थायी रूप से सपरिवार बस गए हैं। परंतु उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्हे भी शैक्षणिक, राजनैतिक, सरकारी, मनपा में नौकरी मिले, चुनाव लडने का मौका मिले, उनके बच्चों को पढ़ाई,विद्यालय, कॉलेज, उच्च शिक्षा में प्रवेश हेतु आरक्षण का लाभ मिले। इन मांगों को लेकर एक सर्व ओबीसी समाज का प्रतिनिधि मंडल पूर्व मंत्री आरिफ नसीम खान एवं एम पी सी सी के महासचिव उमाकांत अग्निहोत्री के नेतृत्व में सामाजिक न्याय, ओबीसी कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार से मंत्रालय में मिलकर ज्ञापन दिया है।
इस अवसर पर ओबीसी लोगों का पक्ष रखते हुए नसीम खान ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य के गठन के पूर्व से ही उत्तर भारत के लोग यहां के विभिन्न जिलों में बस गए हैं। मुंबई राज्य से अलग जब गुजरात एवम महाराष्ट्र राज्य का गठन हुआ तब मध्य प्रदेश का विदर्भ संभाग (८ जिले) महाराष्ट्र में जोड़े गए। उन जिलों मे रह रहे अधिकांश पिछड़े वर्ग के लोगो का समावेश आज तक महाराष्ट्र की पिछड़ा वर्ग लिस्ट में नहीं हुआ। जबकि इसके पूर्व उन्हे मध्य प्रदेश में यह लाभ मिल रहा था। मंडल आयोग की लिस्ट में जानकारी न होने के कारण ,अज्ञानता वश ये ओबीसी जाति के लोग अपनी जाति का नाम शामिल नहीं करा पाए। अतः इन जातियों का समावेश महाराष्ट्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल हो। यह मांग लेकर आपके समक्ष आए हैं।
प्रतिनिधि मंडल में कुर्मी समाज के अध्यक्ष डॉ बाबूलाल सिंह पटेल, महासचिव डॉ यू पी सिंह, विश्वकर्मा समाज से गंगाराम विश्वकर्मा, बाबूलाल विश्वकर्मा, यादव समाज से प्रद्युम्न यादव, राजभर समाज से लालमणि राजभर, अनिल राजभर, नाई समाज से छोटेलाल शर्मा, अशोक शर्मा, साहू तेली समाज से विनोद गुप्ता, पाल समाज से डा आर एम पाल, रामलखन पाल, एस सी(जैसवार,अहिरवार) समाज से सुशीला जैसवार,मोहनलाल राज, ओबीसी समाजसेवी एस के सिंह,अजय पटेल, डॉ सचिन सिंह, डॉ अमर बहादुर पटेल ,संतोष विश्वकर्मा, रामजी बिंद, एन के सिंह, धर्मराज प्रजापति, शैलेश चौरसिया एवम मौर्य कुशवाहा, लोधी, प्रजापति, बिंद, केवट, सोनार, पटवा, चौरसिया सोनकर समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सभी की बात सुनने के पश्चात वहां उपस्थित सरकारी अधिकारियों से विचार विमर्श कर सामाजिक न्याय मंत्री ने आश्वासन दिया की । जो भी लोग यहां बसे हैं उनके रक्त संबंध के लोग जो यू पी,बिहार, एम पी me बसे हैं,उन्हे ओबीसी का लाभ मिल रहा है। उनके जाति प्रमाणपत्र की कॉपी एफिडेविट के साथ लगाकर हमारे पास प्रस्तुत करें हम उन्हे राज्य ओबीसी आयोग के पास भेजकर सत्यापन कर न्याय दिलाने का पूर्ण प्रयास करेंगे।