जेएनपीटी से निकलने वाले वाहनों पर अलग-अलग रंग के लगेंगे स्टीकर
ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे जिले में यातायात की समस्या को हल करने के लिए शहर के फाटकों के बाहर भारी वाहनों के नियमन के लिए पार्किंग प्लाजा बनाने का निर्णय लिया गया। इसी सिलसिले में नगर विकास मंत्री व ठाणे जिला पालक मंत्री एकनाथ शिंदे ने आज उरण, खरेगांव, दापोडा , उरण, भिवंडी का दौरा कर पार्किंग के लिए उपलब्ध स्थानों का निरीक्षण किया है।
ठाणे शहर में पिछले कुछ दिनों से यातायात जाम की वजह से नागरिकों को अकारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर विकास मंत्री व ठाणे जिला के पालक मंत्री शिंदे ने समस्या का समाधान निकालने की पहल की है। बैठक में शहर के बाहर ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए अलग से पार्किंग स्थल बनाने का निर्णय लिया गया।
उरण जेएनपीटी से बड़ी संख्या में भारी वाहन ठाणे के रास्ते गुजरात की ओर जा रहे हैं। उन्होंने आज सिडको की सीमाओं के भीतर खाली जमीन का सर्वेक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इन स्थानों को समतल करने का निर्देश दिया। बाद में शिंदे ने जेएनपीटी द्वारा स्थापित पार्किंग स्थल का भी निरीक्षण किया। जेएनपीटी ने यह भी अनुरोध किया कि उनके सीएफएस को निर्यात के लिए केंद्रीकृत माल जाने से नहीं रोका जाना चाहिए। सिडको, जेएनपीटी , नवी मुंबई और रायगढ़ पुलिस के माध्यम से अलग-अलग रंगों के स्टिकर लगाकर सीएफएस केंद्र से निकलने वाले वाहनों को विनियमित करने का निर्णय लिया गया है। इन सभी प्रणालियों की एक संयुक्त टीम बनाने और वाहनों को रात 11 बजे से शाम 6 बजे तक चरणबद्ध तरीके से छोड़ने का निर्णय लिया गया।
पालकमंत्री शिंदे ने ठाणे शहर के शुरुआत में खारेगांव टोल प्लाजा के दोनों ओर की जमीन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने ठाणे मनपा आयुक्त और एमएसआरडीसी को जल्द से जल्द जमीन को समतल करने के निर्देश दिए। जमीन समतल करने के बाद ही इसे पार्किंग स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। मुंबई-नासिक राजमार्ग पर भारी यातायात जाम हो रहा है। वहां के दो गांवों, सोनाले और दापोडा में स्थलों का निरीक्षण किया और पार्किंग के लिए इन भूखंडों की उपलब्धता की जांच की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भिवंडी ग्रामीण क्षेत्रों में पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध होगी। गुजरात से ठाणे में मनोर भिवंडी मार्ग से बड़ी संख्या में वाहन आ रहे हैं। अगले कुछ दिनों में जगह बनकर तैयार हो जाने पर इसका इस्तेमाल भारी वाहनों की पार्किंग के लिए किया जाएगा, जिससे शहर में ट्रैफिक जाम कम होगा और लोगों को राहत मिलेगी।
सिडको के सह-प्रबंध निदेशक कैलास शिंदे, जेएनपीटी के सह-प्रबंध निदेशक उन्मेश वाघ, उप जिलाधिकारी अमोल यादव, ठाणे मनपा आयुक्त डा विपिन शर्मा, अपर आयुक्त संदीप मालवी, ठाणे तहसीलदार दिनेश पैठणकर, परिवहन विभाग के उपायुक्त विनय राठौड़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे जिले में यातायात की समस्या को हल करने के लिए शहर के फाटकों के बाहर भारी वाहनों के नियमन के लिए पार्किंग प्लाजा बनाने का निर्णय लिया गया। इसी सिलसिले में नगर विकास मंत्री व ठाणे जिला पालक मंत्री एकनाथ शिंदे ने आज उरण, खरेगांव, दापोडा , उरण, भिवंडी का दौरा कर पार्किंग के लिए उपलब्ध स्थानों का निरीक्षण किया है।
ठाणे शहर में पिछले कुछ दिनों से यातायात जाम की वजह से नागरिकों को अकारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर विकास मंत्री व ठाणे जिला के पालक मंत्री शिंदे ने समस्या का समाधान निकालने की पहल की है। बैठक में शहर के बाहर ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए अलग से पार्किंग स्थल बनाने का निर्णय लिया गया।
उरण जेएनपीटी से बड़ी संख्या में भारी वाहन ठाणे के रास्ते गुजरात की ओर जा रहे हैं। उन्होंने आज सिडको की सीमाओं के भीतर खाली जमीन का सर्वेक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इन स्थानों को समतल करने का निर्देश दिया। बाद में शिंदे ने जेएनपीटी द्वारा स्थापित पार्किंग स्थल का भी निरीक्षण किया। जेएनपीटी ने यह भी अनुरोध किया कि उनके सीएफएस को निर्यात के लिए केंद्रीकृत माल जाने से नहीं रोका जाना चाहिए। सिडको, जेएनपीटी , नवी मुंबई और रायगढ़ पुलिस के माध्यम से अलग-अलग रंगों के स्टिकर लगाकर सीएफएस केंद्र से निकलने वाले वाहनों को विनियमित करने का निर्णय लिया गया है। इन सभी प्रणालियों की एक संयुक्त टीम बनाने और वाहनों को रात 11 बजे से शाम 6 बजे तक चरणबद्ध तरीके से छोड़ने का निर्णय लिया गया।
पालकमंत्री शिंदे ने ठाणे शहर के शुरुआत में खारेगांव टोल प्लाजा के दोनों ओर की जमीन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने ठाणे मनपा आयुक्त और एमएसआरडीसी को जल्द से जल्द जमीन को समतल करने के निर्देश दिए। जमीन समतल करने के बाद ही इसे पार्किंग स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। मुंबई-नासिक राजमार्ग पर भारी यातायात जाम हो रहा है। वहां के दो गांवों, सोनाले और दापोडा में स्थलों का निरीक्षण किया और पार्किंग के लिए इन भूखंडों की उपलब्धता की जांच की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भिवंडी ग्रामीण क्षेत्रों में पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध होगी। गुजरात से ठाणे में मनोर भिवंडी मार्ग से बड़ी संख्या में वाहन आ रहे हैं। अगले कुछ दिनों में जगह बनकर तैयार हो जाने पर इसका इस्तेमाल भारी वाहनों की पार्किंग के लिए किया जाएगा, जिससे शहर में ट्रैफिक जाम कम होगा और लोगों को राहत मिलेगी।
सिडको के सह-प्रबंध निदेशक कैलास शिंदे, जेएनपीटी के सह-प्रबंध निदेशक उन्मेश वाघ, उप जिलाधिकारी अमोल यादव, ठाणे मनपा आयुक्त डा विपिन शर्मा, अपर आयुक्त संदीप मालवी, ठाणे तहसीलदार दिनेश पैठणकर, परिवहन विभाग के उपायुक्त विनय राठौड़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।