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 ज्यादा आँसू बनने और नलिकाओं में रुकावट ही आँखों से पानी आने की सबसे बड़ी वजह- डॉ. निता शाह

मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ]  एक निश्चित मात्रा में आँसू बनना आँखों के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे आँखों में नमी के स्तर को बरकरार रखने के साथ-साथ आँखों में जाने वाली किसी बाहरी चीज एवं धूल-कणों को हटाने में मदद मिलती है। डॉ. निता शाह, हेड –क्लिनिकल सर्व्हिसेस, डॉ. अगरवाल आय हॉस्पिटल मुंबई, हमें आँखों में पानी आने के पीछे के विज्ञान के बारे में विस्तार से बताते हैं। चिकित्सा जगत में, सामान्य तौर पर रोने के अलावा आँखों से ज्यादा आँसू आने को एपिफोरा कहा जाता है। यह रोग से संबंधित संकेत या स्थिति है, जिसमें आँखों से कम मात्रा में टियर फिल्म का निकलना शामिल है, और इस परिस्थिति में जिसमें आँसू का बहाव नासुर की नली/ आँसुनलिकाओं के बजाय चेहरे पर होने लगता है।

                डॉ. निता शाह, कहती हैं कि जरूरत से ज्यादा आँसू बनने और नलिकाओं में रुकावट ही आँखों से पानी आने की सबसे बड़ी वजह है। छोटे बच्चों में, आँखों की नलिकाओं में रुकावट इसका सबसे सामान्य कारण है। कुछ बच्चे अविकसित नलिकाओं के साथ पैदा होते हैं, और कुछ हफ्तों में नलिकाओं के पूरी तरह विकसित होने के बाद यह रुकावट दूर हो सकती है। अगर टियर डक्ट (आँसू नलिकाएं) सिकुड़ी हुई हो या उसमें रुकावट हो, तो आँसू की थैली में आँसू जमा हो जाते हैं और इसकी वजह से संक्रमण फैलने का भी खतरा होता है। वयस्कों और बड़े बच्चों की बात की जाए, तो उनमें आँसू का अधिक उत्पादन ही इस समस्या का सबसे सामान्य कारण है।”

            आँखों में किसी बाहरी चीज से प्रवेश करने पर, सबसे पहले आँखों को कमरे के तापमान पर साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए, और व्यक्ति को अपनी आँखों को रगड़ना नहीं चाहिए। अगर ऐसा महसूस हो कि बाहरी चीज अभी भी आँखों में मौजूद है, तो व्यक्ति को नेत्र-रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। उसे बाहर निकालने के लिए, लुब्रिकेशन हेतु कृत्रिम आँसू, तथा विशेष परिस्थितियों में एंटीबायोटिक ड्रॉप का उपयोग किया जाता है। आँखों में किसी तरह का केमिकल चले जाने पर, सबसे पहले आँखों को साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए, और रोगी को तुरंत नेत्र-रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

डॉनिता शाह, ने बताया कि आँखों से पानी आने से जुड़ी कुछ सामान्य समस्याएं इस प्रकार हैं:

        एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों के कारण एलर्जिक कंजक्टिविटिस होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली द्वारा अति-प्रतिक्रिया का कारण बनता है। इसकी वजह से आँखों से पानी आना, खुजली, आँखें लाल होना और रोशनी को देखने में कठिनाई जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। मरीजों को एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों से बचना चाहिए, साथ ही आँखों को रगड़ने और कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से परहेज करना चाहिए।

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