मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] अर्थव्यवस्था में विकास के अनुमान को बरकरार रखा गया है और ग्राहक मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को सुधार कर औचित्यपूर्ण कर दिया गया है। जैसा कि उम्मीद थी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। तरलता के उपायों को क्रमिक व मापे गए तरीकों से खोलने के चलते मुद्रास्फीति को काबू में रखते हुए विकास को सहारा मिलेगा।
देश भर में आफलाइन तरीकों में रिटेल डिजिटल भुगतान के ढांचे की घोषणा, प्रति ट्रांजैक्शन की सीमा आईएमपीएस में दो लाख रुपये बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना, सभी भौतिक भुगतान की स्वीकृति के आधारभूत ढांचे की जियो टैगिंग वित्तीय समावेशन में मदद करेंगे और यह डिजिटल वित्तीय ढांचे के निर्माण की यात्रा की ओर एक और कदम है।
गैर वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) को प्राथमिकता क्षेत्र के ऋणों के लिए बैंकों की ओर दिए जाने वाले कर्ज की अवधि 6 महीनों के लिए बढ़ाते हुए 31 मार्च, 2022 तक करने से ऋण प्रवाह बढ़ेगा और जमीनी स्तर तक विकास को सहारा मिलेगा।