भिवंडी [ युनिस खान ] आदिवासी समाज की अनेक प्रलंवित मांगों को लेकर श्रमजीवी संगठना ने तहसीलदार कार्यालय पर आन्दोलन किया हैं। देश की स्वतंत्रता के 74 वर्ष के बाद भी भी आदिवासी समाज को राशन कार्ड, आधारकार्ड, जाति प्रमाणपत्र ,पीने का पानी बिजली, सड़क आदि मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है। इस आशय का आरोप प्रदेश उपाध्यक्ष दत्तात्रय कोलेकर ने राज्य शासन पर लगाया है। ,
भिवंडी तहसीलदार कार्यालय पर हुए आन्दोलन में जिलाध्यक्ष अशोक सापटे, तालुकाध्यक्ष सुनील लोणे,शहराध्यक्ष सागर देसक के नेतृत्व में हुए आंदोलन में संघटना सक्रिय कार्यकर्ता संगीता भोमटे, जया पारधी, मोतीराम नामखुडा, जयेंद्र गावित, तानाजी लहांगे,हिरामण गुलवी सहित सैकड़ों की संख्या में स्त्री-पुरुष शामिल थे।
श्रमजीवी संघटना का एक प्रतिनिधि मंडल तहसीलदार अधिक पाटिल से मिलकर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन दिया। जिसमें आदिवासी रेशनकार्ड धारको को जुलाई व अगस्त माह का अनाज मुफ्त मिलने सहित वन जमीन दावेदारों के प्रलंबित दावों का शीघ्र निपटारा, सरकारी जगह पर निर्मित घरों को खाली कराने,गांव नमूना में दर्ज जगह दावेदारों को देने सहित मूलभूत सुविधाओं को जल्द मुहैया कराए जाने की मांग की गई है।