मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] श्री रमेश दोराईस्वामी, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, नेशनल बल्क हैंडलिंग कॉरपोरेशन ने हाल ही में फ्यूमिगेशन सेवाओं पर जीएसटी लगाए जाने के बारे में अपनी राय व्यक्त की है और उनके विचार से इसमें छूट दी जानी चाहिए।फ्यूमिगेशन कृषि उत्पादों का वैज्ञानिक तरीके से भंडारण करने की प्रक्रिया का बेहद अहम हिस्सा है, जो गेहूं, मक्का, दाल जैसे बड़े पैमाने पर उपभोग किए जाने वाले खाद्यान्नों के भंडारण के लिए बेहद जरूरी है। हाल ही में जीएसटी परिषद ने 18 जुलाई, 2022 से भंडारगृहों में कृषि उत्पादों पर फ्यूमिगेशन सेवाओं पर जीएसटी में छूट को वापस लेने की घोषणा की है। फ्यूमिगेशन कृषि उत्पादों का वैज्ञानिक तरीके से भंडारण का एक प्रमुख घटक है और अब इस सेवा पर जीएसटी लगाने की बात की गई है, जिसकी वजह से ‘कृषि मूल्य श्रृंखला पर लागत का बोझ’ पड़ेगा। इससे किसानों की आमदनी में भी कमी आ सकती है या उपभोक्ताओं के लिए कृषि उत्पादों का मूल्य बढ़ सकता है।
कृषि उत्पादों के फ्यूमिगेशन की अहमियत:
खेती से होने वाली आय को अधिकतम करने और खाद्यान्नों की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 6 से 9 महीनों के लिए भंडारण करना अनिवार्य है। 30-45 दिनों से अधिक लंबे समय के लिए कृषि उत्पादों भंडारण के दौरान संक्रमण होना बेहद सामान्य बात है, जिस की रोकथाम के लिए अपनाई जाने वाली आवश्यक और विनियमित प्रक्रिया को फ्यूमिगेशन कहते हैं। इस प्रक्रिया में संक्रमित स्टॉक/भंडारण संरचनाओं/कंटेनरों को एक बंद वातावरण में पर्याप्त समय तक पूरी तरह संकेंद्रित कीटाणुनाशक धुएँ में रखा जाता है। भंडारगृहों में फ्यूमिगेंट (एएलपी टैबलेट या पाउच) का उपयोग करके फ्यूमिगेशन किया जाता है, जिसमें अनाज के ढेर को एक ऐसे प्लास्टिक शीट से ढक दिया जाता है जिससे गैस बाहर नहीं निकल पाए, जिसका इस्तेमाल फ्यूमिगेशन की पूरी अवधि के दौरान उस आवरण के भीतर फ्यूमिगेंट गैसों को बनाए रखने के लिए किया जाता है। फ्यूमिगेशन उपचार का एक साधन है, साथ ही यह बड़े पैमाने पर रखे गए अनाज के ढेर के भीतर गहराई में छिपे कीटों या कीड़ों को मारने का एकमात्र व्यावहारिक तरीका है।
अनाज का आयात करने वाले ज्यादातर देशों में फ्यूमिगेशन के लिए नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। पूरे विश्व में खाद्य सुरक्षा मानकों में सुधार की मांग में वृद्धि की वजह से अच्छे और बेहतर गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पादों की जरूरत काफी बढ़ गई है। भारत जैसे उष्ण कटिबंधीय देशों में अनाज भंडारों में रखे गए खाद्यान्नों में संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण में फ्यूमिगेशन की भूमिका बेहद अहम होती है, क्योंकि यहाँ की जलवायु परिस्थितियाँ गोदामों में रखे गए अनाज में कीटों के संक्रमण के लिए अनुकूल होती हैं। खाद्यान्नों को ऐसे कीटों के संक्रमण से दूर करने के लिए फ्यूमिगेशन की आवश्यकता है।
संक्रमण की वजह से भंडारित खाद्यान्नों का नुकसान:
भारत में, फसल तैयार करने के बाद अवैज्ञानिक तरीके से भंडारण की वजह से कुल 10% अनाज बर्बाद हो जाता है। हर साल अनुमानित तौर पर 14 मिलियन टन अनाज इसी वजह बर्बाद हो जाता है, जिसका कुल मूल्य लगभग 7000 करोड़ रुपये है, जिसमें से अकेले कीटों के चलते भंडारगृहों में रखे खाद्यान्नों की बर्बादी का मूल्य लगभग 1300 करोड़ रुपये है।