भिवंडी [ युनिस खान ] भिवंडी में प्रधानमंत्री आवास योजना ने निर्माण के पूर्व ही दम तोड़ दिया है। कोरोना काल में हुए लाकडाउन एवं भारी महंगाई की वजह से निर्माण परियोजना के ठेकेदार पीएसपी प्रोजेक्ट्स लि.ने परियोजना से पल्ला झाड़ते हुए मनपा से नुकसान भरपाई सहित बैंक अमानत राशि लौटाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आवास योजना के बंद होने से गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों में रियायती दर से आसियाना मिलने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चाबिंद्रा स्थित पोगांव के आरक्षण क्रमांक 124 नामक भूभाग पर 6 हजार 60 ईडब्ल्यूएस फ्लैट के लिए 10.67 हेक्टेयर भूमि का आवंटन मनपा द्वारा किया गया था। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 23 बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाना था। लाभार्थियों को फ्लैट खरीदी पर केंद्र सरकार से प्रति फ्लैट डेढ़ लाख, राज्य शासन से 1 लाख रुपए सहित कुल ढाई लाख की रियायत जरूरतमंदो को मिलनी थी। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को करीब 11 लाख 50 हजार रुपए में घर मिलना था।
आवास परियोजना के लिए मनपा प्रशासन द्वारा निकाले गए टेंडर को पीएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (अहमदाबाद) ने 673 करोड़ 56 लाख 48 हजार 889 रुपए में निर्माण ठेका 19 जून 2019 को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की थी। प्रधानमंत्री आवास परियोजना के लिए मैसर्स स्पर्श प्रतिष्ठान ठाणे को प्रकल्प सलाहकार नियुक्त किया गया था। आवास योजना के तहत 6 हजार 60 ईडब्ल्यूएस फ्लैट सहित 112 दुकान, रास्ता, कंपाउंड वाल, गटर, भूमिगत ड्रेनेज पाणीपुरवठा व्यवस्था, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, फायर फाइटिंग, लिफ्ट,कार पार्किंग इत्यादि का निर्माण ठेकेदार द्वारा 36 माह की तय समयावधि में किया जाना था।
प्रधानमंत्री आवासीय प्रकल्प को महाराष्ट्र शासन पर्यावरण विभाग एवं फायर सर्विस से मंजूरी भी मिल चुकी थी। आवास परियोजना संबंधी तमाम प्रक्रिया पूर्ण किए जाने के उपरांत भी ठेकेदार ने कोरोना संक्रमण से मटेरियल के भाव में भारी वृद्धि होने का हवाला देते हुए मनपा प्रशासन से निर्माण ठेका की राशि को बढ़ाए जाने की मांग की। जिसे मनपा प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना में रेट वृद्धि की कोई गुंजाइश न होने का हवाला देते हुए इनकार कर दिया। इसके बाद परियोजना ठेकेदार ने निर्माण कार्य शुरू करने के पूर्व ही पल्ला झाड़ लिया और मनपा पर नुकसान भरपाई सहित बैंक अमानती राशि करीब 7 करोड रुपए की वापसी के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
प्रधानमंत्री आवास परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार पीएसपी प्रोजेक्ट्स लि.द्वारा आवास योजना लागत में वृद्धि की डिमांड करना टेंडर नियमों के खिलाफ है। परियोजना पूर्ण किए जाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। मनपा प्रशासन ठेकेदार की कार्यप्रणाली के प्रति कोर्ट के समक्ष अपने जवाब दाखिल करेगा।
जागरूक नागरिकों का कहना है कि पावरलूम उद्योग नगरी में गरीब, मध्यम वर्ग के करीब 5 लाख निचले तबके व मजदूर वर्ग के लोग रहते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेहद कम कीमत में हजारों लोगों नें आशियाना मिलने का सपना देखा था जो चकनाचूर हो गया है। शहरवासियों का कहना है कि कैबिनेट मंत्री कपिल पाटिल, भाजपा विधायक महेश चौगुले एवं मनपा की सत्ता में 20 भाजपा नगर सेवकों के सहयोगी होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना भिवंडी में बंद हो गई है जो अत्यंत चिंता की बात है।