ठाणे [ युनिस खान ] रेलवे लाईन के किनारे रहने वाले नागरिकों को 7 दिनों में घर खाली करने के रेलवे की नोटिस का राज्य के गृहनिर्माण मंत्री डा जितेन्द्र आव्हाड ने विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि जमीन भी सरकार की और नागरिक भी सरकार के हैं। मानवतावादी दृष्टीकोण अपनाते हुए केंद्र सरकार को निर्णय लेना ही पड़ेगा।
गृहनिर्माण मंत्री डा आव्हाड ने कहा है कि ठाणे मुंबई सभी जगह रेल लाईन के किनारे 15 – 20 फुट की दूरी पर लाखों परिवार 70 – 70 वर्षो से रह रहें है। उन्होंने कहा है की अचानक ऐसा क्या हुआ कि रेलवे ने नोटिस जारी कर 7 दिन में घर खाली करने आदेश दिया। उन्होंने कहा है कि लोगों का घर खाली करने से पहले उक्त परिवारों का पुनर्वास किया जाए। यदि पुनर्वास किये बगैर लोगों का घर खाली कराने का प्रयास किया गया तो हम लोगों की मदद के लिए खड़े रहेंगे किसी को मनमानी नहीं करने दिया जाएगा। डा आव्हाड ने कहा कि बताया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय का सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश है। यदि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश हो तो भी हम सम्मान पूर्वक पुनर्वास की व्यवस्था किये बगैर बेघर नहीं करने देंगे। डा आव्हाड ने सरकार को लाखों नागरिकों के पुनर्वास करने का निर्णय लेने की जिम्मेदारी है। 70 – 70 वर्षों से सरकारी जमीन पर रहने वाले लाखों परिवार कहाँ जायेगे। इसके लिए निर्णय लेना ही होगा।
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