मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] अर्थव्यवस्था को गति देने और सफल बनाने हेतु SME को ऋण देना , MSMEs की मदद के लिए अच्छी क्रेडिट लाइन और क्रेडिट हिस्ट्री बनाना समय की मांग है। एक अच्छी क्रेडिट लाइन से उन्हें तुरंत एवं आसानी से सुरक्षित ऋण की उपलब्धता में मदद मिलेगी, साथ ही बैंक जैसे ऋणदाता को भी जोखिम के संबंध में आश्वासन मिलेगा कि वे हामीदारी करेंगे। इस उद्देश्य से सभी क्रेडिट ब्यूरो को उपयोगिता बिल संबंधी आंकड़े, नकदी प्रवाह एवं इनवॉइस से संबंधित आंकड़े, आयकर और जीएसटी के आंकड़े तक पहुंच प्रदान करना तथा वैकल्पिक डेटा को शामिल करने के लिए ब्यूरो डेटा के दायरे का विस्तार करना MSMEs के लिए ऋण की सहज उपलब्धता के दायरे को बढ़ाने की दिशा में बेहद कारगर साबित होगा। क्रेडिट ब्यूरो को सभी प्रकार की वाणिज्यिक रिपोर्टिंग के लिए स्थायी खाता संख्या (PAN) को अनिवार्य करना क्रेडिट हिस्ट्री तैयार करने में मदद करने वाला एक आवश्यक कदम है, और सरकार इसे लागू करने पर विचार कर सकती है।
जिनके पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है, उनके लिए कोविड के इलाज के खर्च पर कर में राहत की अनुमति देना
नीरज धवन, प्रबंध निदेशक, एक्सपीरियन इंडिया कहते है, सरकार को ऐसे लोगों को कर में राहत देनी चाहिए, जो कोविड-19 के इलाज पर होने वाले खर्च का वहन खुद कर रहे हैं। जिन लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं था, उन्हें कोविड के इलाज पर होने वाले खर्च के लिए कर में राहत प्रदान की जानी चाहिए। इन लोगों ने कोविड-19 के विनाशकारी आर्थिक प्रभावों का अपने बलबूते पर ही सामना किया है।
वेतनभोगी करदाताओं के लिए टैक्स–स्लैब को और उपयुक्त बनाना
आगामी बजट से देश के नागरिकों को काफी उम्मीदें हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत होम लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान के लिए वार्षिक कर कटौती की सीमा को बढ़ाने का सुझाव पहले से ही सरकार के हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, जो निश्चित तौर पर एक अच्छा कदम होगा। इसकी सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने से वेतनभोगी करदाताओं को काफी फायदा मिलेगा, साथ ही आवास की मांग में बढ़ोतरी से रियल एस्टेट उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। अन्य कटौतियों के दायरे को बढ़ाते हुए टैक्स स्लैब को और बेहतर बनाने से वेतनभोगी करदाताओं को मदद मिल सकती है, खास तौर पर सालाना 50 लाख रुपये से नीचे के दायरे में आने वाले करदाताओं के हाथ में अधिक पैसा होगा।डिजिटल कौशल तथा टेक्नोलॉजी को और विकसित करने के उपाय वर्तमान में अर्थव्यवस्था को पारदर्शी तथा औपचारिक बनाने में डिजिटल भुगतान उद्योग बेहद प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है। सरकार नए बिजनेस सॉल्यूशंस स्थापित करने में उद्योग को और बढ़ावा देने के लिए वेंचर कैपिटलिस्ट्स तथा प्राइवेट इक्विटी कंपनियों एवं निवेशकों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर सकती है, ताकि भारत में अनुसंधान एवं विकास तथा टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए फंडिंग को बेहद आसान बनाया जा सके।
ऋण की सुविधाओं से वंचित लोगों की सेवा करने वाले फिनटेक को बढ़ावा और प्रोत्साहन देना भारत की एक बड़ी आबादी शारीरिक परिश्रम करने वाले कामगारों, निर्माण श्रमिकों तथा दूसरों के घरों में काम-काज करने वाले लोगों की है, जो औपचारिक रोजगार की श्रेणी में नहीं आते हैं और उन्हें ऋण की सुविधा की जरूरत होती है। कुछ फिनटेक कंपनियां ऋण की सुविधाओं से वंचित ऐसे लोगों को कोई चीज गिरवी रखे बिना ही ऋण उपलब्ध कराती है।