ठाणे [ युनिस खान ] भाजपा को रोकने के लिए राकांपा महाविकास आघाडी करने के पक्ष में है। ठाणे जिले में आज राकांपा के सभी जिलाध्यक्षों की संयुक्त बैठक महाविकास आघाडी करने पर सर्वसम्मति से इच्छा व्यक्त किया है।इस आशय की जानकारी राकांपा नेता व राज्य के गृहनिर्माण मंत्री डा जितेन्द्र आव्हाड कहा है कि हमने तय किया है कि कोई भी महाविकास अघाड़ी के घटक दलों के खिलाफ नहीं बोलेगा। यदि कोई सामने बोल भी दे तो जवाब देने की जरूरत नहीं है हमारी मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए शहर, जिले और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी जरूरी है, सभी अध्यक्षों की यही राय है। इसलिए भाजपा को रोकने के लिए महाविकास अघाड़ी की जरूरत है। डा आव्हाड के आवास पर संयुक्त बैठक में ठाणे शहर-जिला अध्यक्ष और ठाणे पालघर जिला समन्वयक आनंद परांजपे, ठाणे ग्रामीण अध्यक्ष दशरथ तिवरे, कल्याण-डोंबिवली के अध्यक्ष जगन्नाथ शिंदे, कल्याण-डोंबिवली के कार्यकारी अध्यक्ष वंडारशेठ पाटिल, नवी मुंबई के अध्यक्ष अशोक गावड़े, उल्हासनगर के अध्यक्ष पंचम कलानी, मीरा-भायंदर जिलाध्यक्ष अंकुश मालुसरे, अंबरनाथ अध्यक्ष सदामामा पाटिल, बदलापुर अध्यक्ष कैप्टन आशीष दामले आदि उपस्थित थे। बैठक के बाद आव्हाड ने कहा कि हम महाराष्ट्र में एक साथ आने और राज्य स्तर पर एक दूसरे की मदद करने और भाजपा की प्रवृत्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं। जैसे सुप्रियाताई सुले ने संजय राउत का पक्ष लिया है या शरद पवार ने बार-बार सभी नेताओं का पक्ष लिया है। साथ ही सभी कार्यकर्ता चाहते हैं कि पूरे राज्य में पक्षपात रहित माहौल बनाया जाए। क्योंकि निकाय चुनाव के बाद लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसलिए सभी ने सर्वसम्मति से महाविकास का नेतृत्व करने का फैसला किया है। इस महाविकास अघाड़ी से सभी को लाभ होने वाला है।
उन्होंने कहा कि हमारी ओर से ठाणे-पालघर जिला समन्वयक आनंद परांजपे चर्चा करेंगे। साथ ही चर्चा में भाग लेने के लिए प्रत्येक जिले से तीन से चार सदस्यों की एक समिति नियुक्त की जाएगी। एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि राकांपा ने एक स्टैंड लिया है, लेकिन शिवसेना के कुछ पदाधिकारी विरोध का रुख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि 105 सदस्यीय भाजपा को शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने सत्ता बाहर कर दिया। इसे ध्यान में रखकर हमें काम करना होगा।
रेल मंत्री वैष्णव और रेल राज्य मंत्री दानवे दोनों रेल पटरियों के किनारे झुग्गी-झोपड़ियों के पुनर्वास के बारे में सकारात्मक हैं। पांचवीं-छठी रेलवे लाइन विकसित हो रही है। लेकिन, यह विकास करते हुए आप गरीबों से मुंह नहीं मोड़ सकते। जब हाईकोर्ट ने कलवा में झोपड़ियों को गिराने का आदेश दिया। उस वक्त मैंने 25,000 लोगों को लेकर ट्रेन को ब्लॉक कर दिया था।
इन झुग्गीवासियों का पुनर्वास करते समय उनका पेट गरीबों के लिए महत्वपूर्ण है।
रेलवे के पास कई जगह है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि यदि राज्य सरकार के पास स्लम पुनर्वास योजना है, तो केंद्र सरकार को इसमें भाग लेना चाहिए; और रेल की पटरियों पर झुग्गी बस्तियों में रहने वालों के साथ न्याय होना चाहिए। उल्हासनगर, कल्याण, बांद्रा, विक्रोली में भी यही हाल है। डा आव्हाड ने कहा कि जनरल डायर आए या कर्जन, कोई झोंपड़ी तोड़ी नहीं जाएगी। इन झुग्गीवासियों के पुनर्वास की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार लेने को तैयार है। जमीन रेलवे द्वारा ही उपलब्ध कराई जाए।
रेल मंत्री वैष्णव और रेल राज्य मंत्री दानवे दोनों रेल पटरियों के किनारे झुग्गी-झोपड़ियों के पुनर्वास के बारे में सकारात्मक हैं। पांचवीं-छठी रेलवे लाइन विकसित हो रही है। लेकिन, यह विकास करते हुए आप गरीबों से मुंह नहीं मोड़ सकते। जब हाईकोर्ट ने कलवा में झोपड़ियों को गिराने का आदेश दिया। उस वक्त मैंने 25,000 लोगों को लेकर ट्रेन को ब्लॉक कर दिया था।
इन झुग्गीवासियों का पुनर्वास करते समय उनका पेट गरीबों के लिए महत्वपूर्ण है।
रेलवे के पास कई जगह है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि यदि राज्य सरकार के पास स्लम पुनर्वास योजना है, तो केंद्र सरकार को इसमें भाग लेना चाहिए; और रेल की पटरियों पर झुग्गी बस्तियों में रहने वालों के साथ न्याय होना चाहिए। उल्हासनगर, कल्याण, बांद्रा, विक्रोली में भी यही हाल है। डा आव्हाड ने कहा कि जनरल डायर आए या कर्जन, कोई झोंपड़ी तोड़ी नहीं जाएगी। इन झुग्गीवासियों के पुनर्वास की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार लेने को तैयार है। जमीन रेलवे द्वारा ही उपलब्ध कराई जाए।