ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे और पालघर जिलों में पानी की समस्या के समाधान के लिए इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि क्या मुंबई महानगर क्षेत्र के बांधों के जल ग्रिड को मराठवाड़ा वाटर ग्रिड की तरह बनाया जा सकता है। जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव संजीव जायसवाल ने वर्ष 2050 तक आबादी को पानी उपलब्ध कराने की योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है।
ठाणे जिले में जलापूर्ति को लेकर जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल और पालकमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा गठित टास्क फोर्स की पहली बैठक जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव जायसवाल की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय में हुई। इस अवसर पर जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण सदस्य सचिव अभिषेक कृष्ण, जलजीवन मिशन परियोजना निदेशक हृषिकेश यशोद, नवी मुंबई मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर, मीरा भाईंदर मनपा आयुक्त दिलीप ढोले, पालघर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धाराम सलीमठ उपस्थित थे।
ठाणे और पालघर जिलों में जलापूर्ति योजनाओं की समीक्षा करते हुए जायसवाल ने कहा कि टास्क फोर्स जल्द ही ठाणे और आसपास के क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक मास्टर प्लान पेश करेगी। ठाणे और पालघर जिलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा, लोगों को आवश्यक जल आपूर्ति के लिए जलजीवन मिशन के साथ-साथ अन्य योजनाओं से अधिकतम धनराशि प्रदान की जाएगी। संसाधन सुदृढ़ीकरण के लिए जलकृषि मिशन में भी काफी धन उपलब्ध है। अतः जलकृषि मिशन में कार्य प्रस्तावों को यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए। भविष्य में बढ़ती आबादी को देखते हुए पानी को रिसाइकिल करना, समुद्र में बहने वाले पानी का इस्तेमाल करना और पानी को प्रोसेस करना जरूरी होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जल संसाधन विभाग को पानी का अधिकतम उपयोग करने के लिए छोटी परियोजनाओं पर ध्यान देना चाहिए।
जिले में ठाणे, नवी मुंबई, मीरा भाईंदर , वसई-विरार, अंबरनाथ, कल्याण-डोंबिवली मनपा के साथ-साथ नगर परिषदों की जलापूर्ति योजनाओं की जायसवाल ने जानकारी ली। यशोद ने ठाणे और पालघर जिलों में जलजीवन मिशन की वर्तमान स्थिति प्रस्तुत की। यशोद ने कहा कि जलजीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार की ओर से बड़ी मात्रा में धनराशि प्राप्त होगी। इसका उद्देश्य शत-प्रतिशत घरों में नल के पानी की आपूर्ति करना है। अतः स्थानीय निकाय ग्राम स्तरीय कार्य योजना को पूर्ण कर जिला प्रशासन को प्रस्तुत करें।
जिलाधिकारी नार्वेकर ने जिले में जलापूर्ति की जानकारी देते हुए स्थानीय निकायों को मास्टर प्लान के लिए जलापूर्ति योजनाओं के प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के संयुक्त सचिव प्रवीण पुरी, चंद्रकांत गजभिये, विशेष कार्यकारी अधिकारी गोपीनाथ थोम्ब्रे, उप जिलाधिकारी प्रशांत रसाल, जिला प्रशासन अधिकारी एस.एस. सोनटक्के के साथ जिले के सभी मनापाओं के उपायुक्त, नगर अभियंता, जल संसाधन विभाग, औद्योगिक विकास निगम, वन विभाग आदि के अधिकारी उपस्थित थे।