मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमईयों) के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास में संलग्न प्रमुख वित्तीय संस्थान, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने आज घोषणा की कि 24 फरवरी, 2022 को नई दिल्ली में होने वाली तीसरी राष्ट्रीय माइक्रोफाइनेंस कांग्रेस “सूक्ष्म उद्यम वित्त – अमृत काल – आगे का रोड मैप” विषय पर केंद्रित होगी। माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, कांग्रेस का उद्घाटन करेंगी और इस कार्यक्रम में सूक्ष्म वित्त व्यवसायी, नीति निर्माता और अन्य हितधारक भाग लेंगे। इस कार्यक्रम के बारे में बताते हुए, सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री रमण ने कहा, “व्यावहारिक और टिकाऊ व्यवसाय बनने के लिए बड़ी संख्या में सूक्ष्म उद्यमों का समर्थन और पोषण करना अमृत काल के उद्देश्यों को प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण तत्व होगा और इसी को दृष्टिगत रखते हुए हमने इस विषय को चुना है। उम्मीद की जाती है कि इस कांग्रेस के विचार-विमर्श से हमें हितधारकों की उभरती भूमिकाओं को समझने में मदद मिलेगी और जहां कहीं आवश्यक प्रतीत हो, नीति बनाने में भी मदद मिलेगी ताकि अमृत काल के उद्देश्यों को हासिल किया जा सके। हम अपने प्रमुख साझेदार – एफ़डीसीओ, नॉलेज पार्टनर – एमएफ़आईएन और मीडिया पार्टनर – सीएनबीसी TV 18 को तथा इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को पैनल में शामिल होने और उनकी ओर से सार्थक इनपुट प्रदान करने हेतु सहमत होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।”
सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी), श्री एस रमण के स्वागत भाषण के बाद, सहभागीगण श्री संजय मल्होत्रा, आईएएस, सचिव, डीएफएस – वित्त मंत्रालय, श्री राजेश अग्रवाल, आईएएस, सचिव, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त श्री एलेक्स एलिस के विचारों को सुनेंगे ।
सुश्री लता वेंकटेश, कार्यकारी संपादक – सीएनबीसी टीवी 18, श्री तमाल बंद्योपाध्याय, परामर्श संपादक – बिजनेस स्टैंडर्ड और प्रोफेसर एम.एस. श्रीराम, अध्यक्ष – सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी, आईआईएम बैंगलोर जैसे मॉडरेटरों के अनुभवी हाथों में सम्पन्न होने वाली तीन पैनल चर्चाएँ – संशोधित नियामक सूक्ष्म वित्त ढांचे से उत्पन्न होने वाले अवसरों तथा देश में सूक्ष्म उद्यमिता को व्यक्तिगत वित्त पोषण के माध्यम से और क्षेत्र की डिजिटल यात्रा एवं तौर-तरीकों को बढ़ावा देने के इर्द गिर्द केन्द्रित रहेंगी। इन पैनल चर्चाओं में अग्रगण्य एमएफआई प्रैक्टिशनर सहभागिता कर रहे हैं।
सिडबी के बारे में: 1990 में अपने गठन के बाद से सिडबी अपने एकीकृत, अभिनव और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से समाज के विभिन्न स्तरों पर नागरिकों के जीवन को उत्कृष्ट बनाने के लिए प्रयासरत है। सिडबी ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न ऋण और विकासपरक उपायों के माध्यम से सूक्ष्म और लघु उद्यमियों के जीवन का संस्पर्श किया है, चाहे ये पारंपरिक व छोटे घरेलू उद्यमी हों; उद्यमिता पिरामिड के निम्नतम स्तर के उद्यमी हों अथवा उच्चतम स्तर के ज्ञान-आधारित उद्यमी हों। सिडबी 2.0 अपने साथ समावेशी, अभिनव और प्रभावोन्मुखी सरोकारों को ध्यान में रखते हुए अग्रसर है।