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  राज्य में एमएसएमई पारितंत्र के विकास के लिए सिडबी द्वारा मेघालय सरकार के साथ गठबंधन 

मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए देश की प्रमुख वित्तीय संस्था, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी ) ने राज्य में एमएसएमई पारितंत्र विकसित करने के लिए मेघालय इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड [एमआईडीएफसी], मेघालय सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) निष्पादित किया है। समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान डॉ. विजय कुमार डी, आईएएस, आयुक्त और सचिव, वित्त विभाग, मेघालय सरकार और मुख्य कार्यकारी अधिकारी [सीईओ], एमआईडीएफसी और श्री वी. सत्य वेंकट राव, उप प्रबंध निदेशक, सिडबी के बीच किया गया।

     समझौता ज्ञापन के तहत, सिडबी और मेघालय सरकार राज्य में एमएसएमई पारितंत्र के विकास की सुविधा के लिए मिलकर काम करेंगे। समझौता ज्ञापन के कुछ व्यापक उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:

राज्य में उद्यमिता विकास / Entrepreneurship Development in the State

  1. एमएसएमई समूहों का विकास / Development of MSME clusters
  2. गैर सरकारी संगठनों/विकास संगठनों/एमएसएमई इकाइयों की क्षमता निर्माण
  3. राज्य द्वारा प्राथमिक रूप से निर्धारित, अनुकरणीय आजीविका का समर्थन एवं प्रदर्शन
  4. राज्य में एमएसएमई इकाइयों के लिए डिजिटल प्रस्तावों का विस्तार
  5. विशेषज्ञ सलाहकारों के माध्यम से राज्य के विशिष्ट आजीविका से संबन्धित अवसरों का मानचित्रण करना
  6. राज्य में सिडबी के संवर्धन और विकासात्मक पहलों का विस्तार।
  7. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पीएसबी 59, मित्र पोर्टल, जीईएमएस, टीआरईडीएस आदि का उपयोग करके एमएसएमई की क्षमता निर्माण।
  8. सूक्ष्म उद्यमों के लिए व्यावसायिक जानकारी और परामर्श केंद्र शुरू करना
  9. राज्य में एमएसएमई के विकास के लिए कार्यरत राज्य एजेंसियों का क्षमता निर्माण; आदि।

      इस अवसर पर श्री वी. सत्य वेंकट राव, उप प्रबंध निदेशक, सिडबी ने कहा कि सिडबी उद्यमों को बढ़ावा देने, आजीविका और कौशल विकास के लिए राज्य के कारीगरों और एमएसएमई के लाभ के लिए सक्रिय रूप से कई विकासात्मक गतिविधियां चला रहा है। श्री राव ने उल्लेख किया कि पूर्वोत्तर राज्यों के ड्रॉप आउट छात्रों, महिलाओं और आदिवासियों को आजीविका के वैकल्पिक अवसर प्रदान करने के लिए सिडबी बुनाई, सिलाई, फैशन डिजाइनिंग, बुनाई, कढ़ाई, उत्पाद विकास आदि पर व्यावसायिक पाठ्यक्रम चलाने के लिए रामकृष्ण मिशन आश्रम [आरकेएमएस], सोहरा [मेघालय] में पूर्व के लिए स्वावलंबन वैकल्पिक आजीविका इकाई (सैल्यूट) स्थापित करने में सहायता प्रदान कर रहा है। इनमे स्कूल छोड़ने वाले, कुशल किन्तु बेरोजगार, कौशल (प्रशिक्षण) की आवश्यकता वाले बेरोजगार, कोविड के दौरान प्रवासी, असेवित / कम सेवा वाले हिस्से आदि लक्ष्यों को के प्राथमिकता होगी।

        श्री राव ने राज्य सरकार से यह भी अनुरोध किया कि राज्य के एमएसएमई इकाइयों के संरचनागत   विकास [एससीडीएफ] के लिए सिडबी सामूहिक विकास निधि के तहत उपलब्ध कम लागत वाले वित्त का उपयोग करें। इस अवसर पर मेघालय सरकार के सचिव और एमआईडीएफसी के सीईओ डॉ. विजय कुमार ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन राज्य को एमएसएमई पारितंत्र के विकास के प्रयासों का समर्थन करने में सहायक रहेगा।

       सिडबी के बारे में: 1990 में अपनी स्थापना के बाद से, सिडबी अपने एकीकृत, अभिनव और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। चाहे वह पारंपरिक हो, घरेलू छोटे उद्यमी हों, पिरामिड के निचले स्तर के उद्यमी हों, उच्च ज्ञान-आधारित उद्यमी हों, सिडबी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न ऋण और विकासात्मक कार्यों के माध्यम से सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के जीवन को स्पर्श किया है। सिडबी 2.0 की दृष्टि समावेशी, नवोन्मेषी और प्रभावोन्मुखी कार्यकलापों की है।

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