मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] सिडबी ने 2 अप्रैल, 2022 को 32वें स्थापना दिवस के अवसर पर अपने प्रत्यक्ष ऋण परिचालनों के संपूर्ण डिजिटलीकरण की घोषणा की है। एमएसएमई को सिडबी से वित्तपोषण प्राप्त करने के पूरे प्रक्रिया प्रवाह में अब एक सहज अनुभव होगा। ऑनलाइन आवेदन जमा करने, आवेदन पर ई-हस्ताक्षर करने, पंजीकरण प्रक्रिया, दस्तावेजों के निष्पादन आदि को पूरी तरह से डिजिटाइज कर दिया गया है। डिजिटलीकरण अभियान ने बैंक को बेहतर जोखिम प्रबंधन उपकरणों के उपयोग के माध्यम से अपनी हामीदारी प्रक्रिया में सुधार लाने में भी मदद की है। उधारकर्ता द्वारा प्रस्तुत की गई दिनांकित जानकारी (जैसे वार्षिक रिपोर्ट) पर निर्भरता के चलते ऐसे उपकरण तैनात किए गए हैं जो विभिन्न सार्वजनिक डेटाबेस (जैसे जीएसटी, आईटीआर, एमसीए डेटा, आदि) में उपलब्ध अद्यतन जानकारी का स्वत: विश्लेषण करते हैं। डिजिटलीकरण की पहल ने बैंक द्वारा अपनाई जा रही समुचित सावधानी प्रक्रिया को मजबूत करने में भी मदद की है क्योंकि संभावित उधारकर्ताओं के पूर्ववृत्त को अब उपलब्ध टूल का उपयोग करके एक बटन के क्लिक के द्वारा तुरंत जांचा जा सकता है। दस्तावेज़ों का डिजिटल दस्तावेज़ निष्पादन होने के कारण दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने के लिए उधारकर्ता के भौतिक रूप से सिडबी के कार्यालयों का दौरा किए बिना दस्तावेज़ीकरण की औपचारिकताओं को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी। ऋण परिचालनों के डिजिटलीकरण से ऋण वितरण की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने में मदद मिलेगी, जो सिडबी को अपनी पहुंच में सुधार करने में मदद करेगा और सिडबी को एमएसएमई तक पहुंचने में सुविधा प्रदान करेगा। सिडबी ने अपने प्रमुख ग्राहक समूहों से प्रतिक्रिया एकत्र करने के लिए ‘वॉयस फ्रॉम द फील्ड’ नामक एक संरचित पहल की भी घोषणा की – जिसमें एमएसएमई, एनबीएफसी और माइक्रोफाइनेंस संस्थान शामिल हैं, जो उनके समक्ष विद्यमान प्रमुख चुनौतियों और एमएसएमई हितधारकों से उनकी अपेक्षाओं को समझने के विषय में हैं।
एमएसएमई प्रतिक्रिया सिडबी के अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत यात्राओं और लक्षित समूह के सदस्यों के साथ चर्चा के माध्यम से प्राप्त की जाएगी और निष्कर्षों का विश्लेषण करके उसे एक रिपोर्ट के रूप में संकलित किया जाएगा। पहली रिपोर्ट मई 2022 के मध्य तक जारी की जाएगी और इस क्षेत्र के लिए नीति निर्माताओं के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगी।एक “उद्यमिता पाठ्यचर्या” के विकास के लिए एक पहल जो व्यापक समर्थन के साथ एक संरचित उद्यमिता पाठ्यक्रम के रूप में होगी। इसकी घोषणा मुंबई में आयोजित आभासी कार्यक्रम के दौरान की गई जिसमें देश भर के सिडबी के पूरे स्टाफ ने भाग लिया। इस पाठ्यक्रम से विभिन्न संस्थानों में छात्रों को और एमएसएमई के लाभान्वित होने और उद्यम सृजन में मदद मिलने की आशा है। यह हमारे जीवंत एमएसएमई पारितंत्र के विकास के लिए उत्प्रेरक का कार्य करेगा।
इस अवसर पर, सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने कहा कि “वर्षों से सिडबी एमएसएमई पारितंत्र के लिए कई अंतरवर्तन लाने में सहायक रहा है और इस स्थापना दिवस पर घोषित पूर्ण डिजिटलीकरण और उद्यमिता विकास की पहल अन्य हितधारकों को अनुसरण करने और एमएसएमई को त्वरित सेवाएँ देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।”