ठाणे [ इमरान खान ] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुए देहु शिला मंदिर का उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बोलने नहीं दिया गया। इससे राकांपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश का माहौल है। राज्य के गृहनिर्माण मंत्री डा जितेंद्र आव्हाड के आदेश पर ठाणे-पालघर जिला समन्वयक आनंद परांजपे और ठाणे-पालघर महिला अध्यक्ष रुता आव्हाड के मार्गदर्शन में ठाणे में राकांपा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री कार्यालय के खिलाफ मूक प्रदर्शन किया है।
राकांपा नेताओं ने कहा है कि देहू में सोमवार को प्रधानमंत्री द्वारा जगद्गुरु संतश्रेष्ठ तुकाराम महाराज शिला मंदिर का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। मंच पर मौजूद नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , देवेन्द्र फडनवीस और देहू संस्थान के अध्यक्ष नितिन महाराज मोरे थे। हालांकि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को बोलने का मौका नहीं दिया गया। खासकर देहू संस्थान ने अजीत पवार के भाषण की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को दी थी। हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानबूझकर अजीत पवार का नाम कार्यक्रम पत्रिका से हटा दिया। यह 13 करोड़ मराठी लोगों का अपमान है। इसे लेकर ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय के सामने स्थित डा बाबासाहेब अंबेडकर के पुतले के सामने राकांपा कार्यकर्ताओं ने मूक प्रदर्शन कर विरोध प्रकट किया है।
इस प्रदर्शन में महिला अध्यक्षा सुजाता घाग , युवा अध्यक्ष विक्रम खामकर , कैलाश हावले , महिला कार्यकारी अध्यक्ष सुरेखा पाटिल, छात्र प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रफुल्ल कांबले, युवती अध्यक्ष पल्लवी जगताप, महासचिव प्रभाकर सावंत और रवींद्र पलव आदि शामिल थे।