ठाणे [ युनिस खान ] भारत विभिन्न संस्कृतियों, जातियों, धर्मों और बहुभाषी वाला देश है। यहां हर इंसान ईश्वर के प्रति असिम आस्था रखता है। हालांकि देश में देवी-देवताओं के प्रति लोगों की असिम श्रद्धा तो होती है, लेकिन उन्हीं देवी और देवताओं की खंडित मूर्तियों और फोटो आदि का सही स्थान पर विसर्जन नहीं करते हैं। आलम यह है कि वृक्षों के नीचे और मंदिर के आस-पास पड़े कचरे में खंडित मूर्तियों दिखाई देती हैं। इससे एक तरह से देवी-देवताओं का एक तरह से अनादर हो रहा है। उञ्चत जानकारी देते हुए शिवशांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष विनय सिंह ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि नागरिक देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों को कहीं भी फेंकने के बजाय, उनका सही स्थान पर विसर्जन करें, ताकि उनका अनादर न होने पाए।
उल्लेखनीय है कि शिवशांति प्रतिष्ठान द्वारा शहर में स्थित तालाब परिसरों सहित कहीं भी खंडित मूर्तियों और फोटो दिखाई देने पर उनका पूर्ण विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ विसर्जित किया जा रहा हैं। शिवशांति व रुद्र प्रतिष्ठान के अध्यक्ष विनय सिंह ने कहा कि सप्ताह के हर शुक्रवार को स्वच्छता अभियान चलाने के साथ ही तालाब सहित विभिन्न स्थानों पर पड़ी खंडित मूर्तियों और प्रतिमाओं को इकट्ठा कर उन्हें पारंपरिक तरीके से विसर्जित किया जा रहा है। विनय सिंह ने कहा कि लोग बड़े उत्साह के साथ भगवान की मूर्तियों और प्रतिमाओं को घरों लाते तो हैं, लेकिन खंडित होने पर उन्हीं को वृक्षों के नीचे और मंदिर के आस-पास रख देते हैं। इससे उनका अनादर होता है। उन्होंने कहा कि लोग भगवान के मंदिर में एक बार कम जाए, लेकिन भगवान की खंडित मूर्तियों और प्रतिमाओं को इस तरह कहीं पर रख उनका अनादर न करें। यदि आप उनका विधि-विधान से विसर्जन कर सकते हैं तो करें, लेकिन जो यह करने में असमर्थ हैं वे संस्था से संपर्क करें। संस्था ऐसी खंडित प्रतिमाओं को पूरे विधि विधान से विसर्जित करेगी। शुक्रवार को आयोजित इस अभियान में समाजसेवक रमेश शर्मा, उपाध्यक्ष अमित सिंह, समाजसेवक योगेश दुबे, मनपा अधिकारी प्रवीण बनोटे, रंजीत सिंह, दीपक सिंह, मनोज यादव, गोपाल ठाकुर, सिद्धार्थ कांबले, प्रशांत दलाई, विशाल टेमकर, सुधांशु विसोइ, मनीष सिंह, दानिश, अमोद, रितेश, आदर्श, राज, गौतम, श्याम सहित बड़ी संक्चया में लोग अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए बहुमूल्य श्रमदान दिया।