मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के भीतर एक डिजिटल बैंक बनाने की दिशा में आज मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर में अपना पहला डिजिटल कॉन्क्लेव आयोजित किया. कॉन्क्लेव के दौरान, श्री राजकिरण रै जी. प्रबंध निदेशक एवं सीईओ ने ‘यूनियन संभव’ – अवसरों की दुनिया, ए फ्यूचर डिजिटल रेडी ट्रांसफॉरमेशन प्रोजेक्ट का अनावरण किया, साथ ही आगामी यूनियन एनएक्सटी – डू इट योरसेल्फ, सुपर ऐप की घोषणा की गयी. इसका मुख्य उद्देश्य, इन डिजिटल पहलों के माध्यम से डू इट योरसेल्फ (डीआईवाई) के जरिए सभी क्षेत्रों में बेहतर तरीकों से बैंकिंग करने में ग्राहकों को सशक्त बनाना है.
ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्राथमिक उद्देश्य (डिज़ाइन थिंकिंग) के रूप में, डिजिटल कॉन्क्लेव के दौरान पाँच ग्राहक केन्द्रित डिजिटल ऋण (सम्पूर्ण एसटीपी) यात्राएं जैसे, पूर्व-स्वीकृत व्यक्तिगत ऋण (पीएपीएल), यूनियन कैश (पेंशनर ऋण), शिशु मुद्रा ऋण, एमएसएमई ऋण-स्वतः नवीनीकरण, कृषि ऋण (केसीसी) – स्वतः नवीनीकरण का अनावरण किया गया जिसमें बैंक के मोबाइल बैंकिंग पर डाटा-संचालित नए उत्पाद और सेवाएँ शामिल हैं. इस कार्यक्रम में डिजिटल एप्लिकेशन जैसे सॉफ्ट-पीओएस और सीआरएम एप्लिकेशन को भी लॉंच किया गया.
मोबाइल फ़र्स्ट, ग्राहक केन्द्रित, उच्च परिचालन दक्षता, न्यूनतम समय सीमा, न्यूनतम क्लिक, कोई शाखा दौरा नहीं आदि इन डिजिटल यात्राओं की यूएसपी हैं. इस कार्यक्रम में बैंक की आगामी डिजिटल परियोजनाओं की झलक भी प्रस्तुत की गयी, जो अंतिम कार्यान्वयन हेतु विकास के विभिन्न चरणों में हैं. इनमें बीमा, म्यूचुअल फंड, वेयरहाउस फाइनेंसिंग, जीएसटी नकदी प्रवाह आधारित उधार, तरुण एवं किशोर मुद्रा ऋण, सह-उधार एवं पूल बाय-आउट, आवास ऋण और शिक्षा ऋण जैसे डिजिटल पहल शामिल हैं.
बैंक को उम्मीद है कि बढ़ रहे डिजिटल कारोबार को हासिल करने में और एक सुदृढ़ डिजिटल परिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का डिजिटल कॉन्क्लेव एक बड़ा कदम होगा. उल्लेखनीय है कि एक वर्ष पूर्व ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सुगम और परेशानी रहित डिजिटल यात्रा और बेहतर ग्राहक सेवाएँ प्रदान करने के लिए “डिजिटाईजेशन वर्टिकल” की शुरुआत की थी.
इस अवसर पर श्री राजकिरण रै जी. प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने कहा, “संभव-अवसरों की दुनिया” और सुपर ऐप ‘यूनियन एनएक्सटी’ जैसे प्रोजेक्ट की शुरुआत के साथ, मुझे विश्वास है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एक व्यावसायिक विचारधारा और उद्यम अनिवार्यता दोनों के रूप में त्वरित डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन के माध्यम से अपने ग्राहकों को कम लागत पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा.