Aman Samachar
ब्रेकिंग न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र

भोंगे हटाने से देश की महगाई व बेरोजगारी कम करना संभव नहीं – डा जितेंद्र आव्हाड 

 ठाणे [ युनिस खान ] देश में भोंगे से भी बड़ी अनेक समस्याएं हैं जातीय विवाद खड़ा कर देश में बेरोजगारी और महगाई की समस्या नहीं हल होने वाली है। इस आशय का उदगार राज्य के गृहनिर्माण मंत्री डा जितेन्द्र आव्हाड ने व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति आपके दरवाजे पर मदद मांगने आता है तो महाराष्ट्र धर्म का पालन कर उसकी मदद करें।
          वीर सावरकर नगर में राकांपा कार्यकर्ता मयूर शिंदे के कार्यालय का उद्घाटन डा आव्हाड के हाथो किया गया।  इस मौके पर ठाणे शहर जिला राकांपा अध्यक्ष आनंद परांजपे, हनुमंत जगदाले, अमित सरैया, मयूर शिंदे, अन्नू आंग्रे, विक्रम खामकर आदि मौजूद थे। डा आव्हाड ने कहा कि सावकर नगर इलाके में कार्यकर्ताओं का नया नेटवर्क बुना जा रहा है। इसमें हनमंत जगदाले अपना ख्याल रख रहे हैं।  इसलिए मयूर शिंदे जैसे नए बच्चे अच्छा काम कर रहे हैं। अमित सरैया का कहना है कि राजनीति सिर्फ चुनाव के बारे में नहीं है बल्कि दैनिक जीवन में हम लोगों की समस्याओं को कितनी तेजी से हल कर सकते हैं।  उनकी परेशानियों को कैसे कम कर सकते हैं ऐसी राजनीति करना है। कार्यालय खोलना बड़ी बात नहीं है उसके लिए आपको पूरा समय देना होगा।  आनंद परांजपे इसके लिए एक बेहतरीन रोल मॉडल हैं।  लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरे समय कार्यालय में बैठना बड़ी बात है। आनंद परांजपे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरे समय कार्यालय में उपस्थित रहते हैं। इसलिए हम अमित सरैया और मयूर शिंदे को कार्यालय में बैठकर नागरिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कह रहे हैं।  नेताओं के साथ घूमने के बजाय कार्यालय में बैठकर नागरिकों को समय दें। कार्यकर्ता सही होना चाहिए;  कार्यकर्ता आपकी बस के साथ नहीं बल्कि लोगों के साथ होना चाहिए।
           डा आव्हाड ने कहा कि एक साल पहले, कई लोग कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे। कई लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया, परिजनों को पता भी नहीं चला। जो अस्पताल में रहा; उनकी देखभाल किसने की?  मरीजों को प्लाज्मा किसने दिया? तब आपने जाति-धर्म नहीं देखा था।  लेकिन, आज एक साल बाद कोविड में इंसानियत दिखाने वाला समाज अचानक इंसानियत को भूलकर एक-दूसरे की जान पर खेलने को तैयार है?  क्या कारण है?  क्या हमारा समाज इतना भटक रहा है?  क्या आपके पास बुद्धि नहीं है?  यह जाति से परे महाराष्ट्र धर्म है। उन्होंने कहा कि कौन किस पार्टी से ताल्लुक रखता है, इसकी चिंता मत करो।  अगर कोई व्यक्ति मदद के लिए आपके दरवाजे पर आता है, तो महाराष्ट्र धर्म का पालन करें और उसकी मदद करें, ऐसा कोई सुझाव डा  आव्हाड ने कार्यकर्ताओं को दिया है।

संबंधित पोस्ट

सिडबी द्वारा एमएसएमई इकाइयों को पर्यावरण सक्षम बनाने के लिए विभिन्न विकासात्मक और वित्तीय उपाय

Aman Samachar

 मारुत ड्रोन्स और स्काईड्राइव के बीच की साझेदारी ,साथ मिलकर भरेंगे उड़ान

Aman Samachar

 राजस्थानी समाज में लोकप्रिय नानी बाई रो मायरो के आयोजन को सफल बनाने का प्रयास तेज 

Aman Samachar

खारघर हादसे में मृतकों के परिजनों को 25 लाख  रूपये व एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें – नसीम खान

Aman Samachar

ठाणे मनपा क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बस चलाने की परिवहन सदस्य ने मुख्यमंत्री से की मांग

Aman Samachar

ओबीसी आरक्षण बचाओ की मांग को लेकर मोर्चा निकालकर तहसीलदार को दिया ज्ञापन 

Aman Samachar
error: Content is protected !!