ठाणे [ युनिस खान ] संसदरत्न सुप्रियताई सुले को घर पर बैठकर खाना बनाने जैसी टिप्पणी करने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का राकांपा कार्यकर्ताओं ने आज पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया है।
राकांपा के ओबीसी सम्मेलन में राकांपा सांसद सुप्रियाताई सुले ने कहा था कि महाराष्ट्र के साथ धोखा हुआ है। उस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने टिप्पणी करते हुए कहा था ,क्या आप सांसद हैं, समझ में नहीं आ रहा है, तो घर पर रहिए, खाना बनाइए। दिल्ली जाइए और मसान जाइए, लेकिन आरक्षण दीजिए। उनकी इस टिप्पणी को लेकर गृहनिर्माण मंत्री व राकांपा नेता डा जितेंद्र आव्हाड के मार्गदर्शन में ठाणे शहर राकांपा अध्यक्ष आनंद परांजपे के नेतृत्व में जोरदार आंदोलन किया गया। इस समय राकांपा कार्यकर्ताओं, चंपाकली हाय हाय, चंद्रकांत पाटिल मुर्दाबाद जैसे नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। राकांपा नेताओं ने घोषणा की कि चुनाव आरक्षण के साथ होना चाहिए। सुप्रियाताई को सबसे ज्यादा संसदीय रत्न सम्मान से नवाजा गया है।जो लोग अपने ही गांव में अपनी उम्मीदवारी नहीं बचा सके, जो अभी भी अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा करके अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उन्हें मनोचिकित्सक के पास ले जाने की जरूरत है। इस तरह उनकी आलोचना करते हुए राकांपा कार्यकर्ताओं ने पाटिल का पुतला दहन किया।
इस मौके पर आनंद परांजपे ने कहा कि यह महाराष्ट्र जिजाऊ, अहिल्या देवी सावित्रीबाई फुले का है। सुप्रियाताई अपनी विरासत को बखूबी चला रही हैं , इस बात से पूरा महाराष्ट्र वाकिफ है। चंद्रकांत पाटिल ने सुप्रियाताई को खाना बनाने की सलाह देकर देश की तमाम बहनों का अपमान किया है। 21वीं सदी में देश में महिलाओं ने चूल मूल की अवधारणा को तोड़ा है और सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ अपना अस्तित्व बनाया है। उन महिलाओं को चुलमूल की अवधारणा में फंसाने की चंद्रकांत पाटिल की प्रेरक विचारधारा एक बार फिर स्पष्ट हो गई है। भाजपा के पास “शूद्र, पाशु और नारी; सब है ताडन के अधिकारी” की मानसिकता है। इसी मानसिकता के चलते चंद्रकांत पाटिल ने सुप्रियताई सुले के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया है। इससे साफ हो गया है कि चंद्रकांत पाटिल का मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है।
इस प्रदर्शन में युवा अध्यक्ष विक्रम खामकर, सामाजिक न्याय विभाग के अध्यक्ष कैलास हावले, हैकर्स प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सचिन पंधारे, असंगठित प्रकोष्ठ राजू चैपल, जिला कार्यकारिणी सदस्य प्रभाकर सावंत, मिलिंद बनकर, अजीत सावंत, शिवा कालूसिंह, विजय भामरे, समीर पेंडारे, नीलेश कदम, रत्नेश दुबे, प्रदीप झाला, संतोष घोन, साईं प्रभु, राजेंद्र कदम, देवेंद्र येनपुरे, हरिश्चंद्र गुरव, अनिल भोसले, रवींद्र धुलगुडे, इकबाल शेख, राहुल काले, शशिकला पुजारी, ज्योति निंबरगी, फुलबानो पटेल माधुरी सोनार, स्मिता पारकर, पूनम वालिया, सुरेखा शिंदे, हाजी बेगम शेख आदि उपस्थित थे।