ठाणे [ युनिस खान ] पिछले दो तीन महीने से घोड़बंदर मार्ग पर गड्ढे होने के कारण ठाणे के नागरिकों को घंटों ट्राफिक में समय और इंधन बर्बाद करना पड़ता है . गड्ढों से न सिर्फ कई लोगों की जान चली गई बल्कि कई एंबुलेंस भी फंसने मरीजों को समय पर उपचार सेवा से वंचित होना पड़ा है . इस गंभीर समस्या को लेकर मनसे ठाणे शहर जनहित एवं विधि विभाग के अध्यक्ष स्वप्निल महिन्द्रकर एवं उपाध्यक्ष पुष्कर विखरे ने रोष व्यक्त करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधीक्षक को गड्ढों फोटोग्राफ का एक सेट भेंट कर उन्हें गड्ढों से अवगत कराया है .
उन्होंने कहा है कि घोड़बंदर स्टेट हाईवे 42 पर रोजाना दस हजार वाहन दौड़ते हैं। घोड़बंदर रोड देश के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग 48 से जुड़ती है। सभी क्षेत्रों जैसे पनवेल जेएनपीटी , नवी मुंबई, पश्चिम महामार्ग , ठाणे, नासिक को जोड़ती है। इसलिए भारी वाहनों के साथ एस. टी., बस, भारी वाहन , मोटरसाइकिल, रिक्शा जैसे वाहन बड़ी संख्या में इस मार्ग पर चलते हैं। मार्च 2021 में एमएसआरडीसी द्वारा इस सड़क का अधिकांश हिस्सा रखरखाव के लिए लोक निर्माण विभाग को सौंपे जाने के बाद भी यह सड़क काफी जर्जर हो चुकी है। घोड़बंदर मार्ग पर गड्ढे होने के कारण दो घंटे जाम रहता है और आम नागरिकों को इसकी परेशानी झेलनी पड़ती है. इस सड़क पर 250 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और 23 फरवरी 2021 को इस सड़क पर टोल बंद कर दिया गया है। उसके बाद से लोक निर्माण विभाग ने पिछले डेढ़ साल में इस सड़क पर कोई काम नहीं किया है.
हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री आवास से महज 5 से 7 किमी की दूरी पर स्थित इस स्टेट हाईवे की जर्जर हालत के बावजूद इसकी मरम्मत नहीं की जा रही है. सड़क पर बने गड्ढों को नहीं भर पाने पर लोक निर्माण विभाग के अधीक्षक विलास कांबले को सोमवार को मनसे की ओर से घोडबंदर रोड पर पड़े गड्ढों की तस्वीरें भेंट कर बधाई दी. उन्होंने हॉल में गड्ढों को भी प्रदर्शित किया और उन्हें दिखाया कि गड्ढे कहाँ हैं। इस बीच, अधीक्षक कांबले ने कहा कि कार्य लंबित है क्योंकि इस सड़क निर्माण के लिए प्रस्तावित धनराशि को नई सरकार द्वारा रोक दिया गया है.
इस अवसर पर मनसे के सौरभ नाइक, नीलेश चौधरी, राजेंद्र कांबले, आशीष उमासरे, दत्ता चव्हाण, आशीष डोले, किशोर पाटिल, समीर हरड़, मीनल नवल आदि ने भाग लिया.