मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] दुनिया की प्रमुख निवेश फर्म केकेआर और सेरेंटिका रिन्यूएबल्स (“सेरेंटिका” या “कंपनी“) ने निर्धारक समझौतों पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है, जिसके तहत केकेआर कंपनी में 400 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी। सेरेंटिका रिन्यूएबल्स एक डीकार्बनीकरण प्लेटफॉर्म है, जो ऊर्जा की अधिक खपत करने वाली और अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाले उद्योगों की कंपनियों के लिए पर्यावरण के अनुकूल जटिल ऊर्जा समाधान प्रदान करते हुए ऊर्जा अंतरण (एनर्जी ट्रांजिशन) को सक्षम करने की दिशा में काम कर रही है।
सेरेंटिका बड़े पैमाने पर, ऊर्जा की भारी खपत करने वाले औद्योगिक ग्राहकों के लिए चौबीसों घंटे पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा समाधान प्रदान करना चाहता है। इसमें दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौतों (“पीपीए“) के माध्यम से अक्षय ऊर्जा समाधान प्रदान करना और ग्राहकों के साथ मिलकर काम करना शामिल है ताकि वे शुद्ध–शून्य बिजली के लिए अपना रास्ता तैयार कर सकें। वर्तमान में, कंपनी ने तीन दीर्घकालिक पीपीए किये हैं और कर्नाटक, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों में 1500 मेगावाट की सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने की प्रक्रिया में है। सेरेंटिका का मध्यम अवधि का लक्ष्य विभिन्न स्टोरेज तकनीकों के साथ 5,000 मेगावाट कार्बन मुक्त उत्पादन क्षमता स्थापित करना और सालाना 16 बिलियन यूनिट से अधिक स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति करना और 20 मिलियन टन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन को विस्थापित करना है।
सेरेंटिका कालॉन्च भारत केबिजली और नवीकरणीयक्षेत्रोंके पीछे अनुकूलमैक्रोइकॉनॉमिकचुनौतियोंके साथ–साथभारत के ऊर्जाअंतरण कोआगे बढ़ाने केलिए सरकार कीमजबूत प्रतिबद्धता परआधारित है। इसकेअलावा, सेरेंटिकामहत्वपूर्णलेकिन कठिन औद्योगिकक्षेत्रोंको पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा केविकल्प प्रदान करनाचाहता है जोभारत के विकासऔर आर्थिक विकासको जारी रखे हुए हैं।चूंकि भारत कीविकास संबंधी जरूरतोंऔर समृद्धि केसाथ–साथ ऊर्जाकी मांग लगातारबढ़ रही है, इसलिए अक्षयऊर्जा के लिएऔद्योगिकक्षेत्र की ऊर्जाजरूरतों को स्थायीतरीके से पूराकरने में महत्वपूर्णभूमिका निभाने कीमहत्वपूर्णक्षमता है।
सेरेंटिका रिन्यूएबल्स केनिदेशक प्रतीकअग्रवाल नेकहा, “हमकेकेआर मेंएक समानविचारधारा वालेरणनीतिक साझेदारको पाकरखुश हैं, जो हमारेसतत विकासके मॉडलमें विश्वासकरता है।विश्व पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा को अपनाने के दौरसे गुजररहा हैऔर भारत 2030 तक 450गीगावाटके अपनेमहत्वाकांक्षी लक्ष्यके साथइस प्रयासमें सबसेआगे है।यह निवेशहमें बड़ेऊर्जा गहनउद्योगों कोडीकार्बनाइज करनेऔर जलवायु परिवर्तन के प्रभावको उलटनेमें मददकरने केअपने दृष्टिकोणमें आगेबढ़ने कीअनुमति देगा। यहलेन–देनभारत मेंअब तकके सबसेबड़े औद्योगिकडीकार्बोनाइजेशन निवेशोंमें सेएक हैऔर वैश्विकडीकार्बनाइजेशन एजेंडाको आगेबढ़ाता हैजो COP27 (2022 संयुक्तराष्ट्र जलवायुपरिवर्तन सम्मेलन) की बुनियाद है।’’