ठाणे [ इमरान खान ] बच्चे मातृभाषा में बोलना पसंद करते हैं और सीखने का शौक है, इसलिए अब से सारी शिक्षा मातृभाषा में दी जाएगी। राज्य के स्कूल शिक्षा एवं मराठी भाषा मंत्री दीपक केसरकर ने मराठी भाषा बोलने की कोशिश करने की अपील की है।
भिवंडी तालुका के काल्हेर जिला परिषद स्कूल में फर्स्ट इंफोटेक फाउंडेशन, ठाणे जिला परिषद और समग्र शिक्षा मांझी ई-स्कूल डिजिटल साक्षरता मिशन के कार्यक्रमों का उद्घाटन करते हुए मंत्री केसरकर बोल रहे थे। भिवंडी ग्रामीण विधायक शांताराम मोरे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनुज जिंदल, परियोजना निदेशक कैलास पगारे, ठाणे जिला परिषद उपाध्यक्ष सुभाष पवार, पंचायत समिति अध्यक्ष भानुदास पाटिल, प्रथम इन्फोटेक फाउंडेशन के ट्रस्टी राजेश टोकले, प्रतोषी पांडा, काल्हेर ग्राम पंचायत सरपंच शिल्पा भोकरे, स्कूल प्रधानाचार्य अश्विनी पालवटकर आदि उपस्थित थे।
मंत्री केसरकर ने कहा कि मातृभाषा का गौरव होना चाहिए सभी पुस्तकों का अनुवाद मातृभाषा में किया जाएगा। जहां इंटरनेट सेवा नहीं है वहां हम सेटेलाइट के जरिए सेवा मुहैया कराएंगे। जो हर चीज में आधुनिक है उसे महाराष्ट्र में लाया जाएगा। शिक्षकों के लंबित प्रश्नों का समाधान किया जाएगा। शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया जारी है। एक शिक्षक का काम आने वाली पीढ़ी को आकार देना होता है। शिक्षक अपनी समस्या हमारे सामने रखें, समाधान के प्रयास किए जाएंगे। बच्चों को अच्छी शिक्षा देना हम सबकी जिम्मेदारी है।
यह पहल स्कूलों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने, डिजिटल उपकरणों और उनके उपयोग के बीच की खाई को पाटने, ‘माई ई-शाला’ कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
समग्र शिक्षण महाराष्ट्र सरकार और प्रथम इन्फोटेक फाउंडेशन के सहयोग से पहले चरण में 4 जिलों के 500 सरकारी स्कूलों में माई ई-शाला कार्यक्रम शुरू कर रहा है। स्कूली शिक्षकों की शैक्षिक तकनीक की मदद से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए यह कार्यक्रम विकसित किया गया है। जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिंदल ने बताया कि जिले में मिशन 5 हजार ई-स्कूल, 10 हजार डिजिटल क्लासरूम, 25 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षण और 5 लाख छात्रों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करना है।