ठाणे [ युनिस खान ] राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के 28वें समारोह में फिर से राष्ट्रवाद की अलख जगाई गई। हिंदीभाषी एकता परिषद और राजस्थानी सेवा समिति के आयोजन में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवियों की ओजपूर्ण कविताओं ने जहां श्रोताओं को देशबंधु की भावना से ओतप्रोत कर दिया ,वही आयोजन में 3 विशेष पुरस्कार दिए गए।
जिसमें डा हरिवंश राय बच्चन साहित्य रत्न पुरस्कार इस बार गीता माणेक को दिया गया। जबकि महाराणा प्रताप शौर्य पुरस्कार मरणोपरांत शहीद रोमित चौहान के नाम रहा।दूसरी ओर कला के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले श्री चिन्मय मंडलेकर को छत्रपति शिवाजी महाराज गौरव पुरस्कार से नवाजा गया। कार्यक्रम के संयोजक एड. बी एल शर्मा ,सह संयोजक अरुण जोशी ने सबसे पहले अतिथियों का शाल श्रीफल और मोमेंटो देकर सबका सम्मान किया । कार्यक्रम में संरक्षक वरिष्ठ भाजपा नेता ओम प्रकाश शर्मा ,पार्टी प्रवक्ता और पत्रकार प्रेम शुक्ला और श्री अजिताभ बच्चन के हाथों पुरस्कार प्रदान किए गए। विशेष अतिथि के रुप में आवास विकास मंत्री व पालक मंत्री एकनाथ शिंदे सांसद राजन विचारे , आईपीएस विवेक बंसल आदी आमंत्रित थे।
कवि सम्मेलन में जहां रायपुर से डॉक्टर सुरेंद्र दुबे, जयपुर से संजय झाला, इटावा से गौरव चौहान ,जयपुर से अशोक चारण, मुंबई से गौरव शर्मा, बाराबंकी से गजेंद्र प्रियांशु ने कविता पाठ के जरिए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं कवि सम्मेलन का संचालन दिल्ली से आई अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डॉ कीर्ति काले ने किया। एडवोकेट बी एल शर्मा ने इस कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना काल से के चलते हम यह राष्ट्रीय कवि सम्मेलन नहीं कर पाए। कोरोना आपदा के 2 वर्षों के बाद हम सब इस कार्यक्रम को फिर से आगे बढ़ा रहे हैं। और मैं आवाहन करता हूं की युवाजन आगे आएं और इस कवि सम्मेलन को निरंतर गति देते रहें।
आयोजन समिति के महेश जोशी, डा सुशील इंदोरिया, महेश बागड़ा ,अशोक पारेख, एड सुभाष झा ,राजेंद्र दाधीच, प्रदीप गोयंका ,गुरमुख सिंह श्यान, ए एम रोबिन सहित सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया है।