भिवंडी [ अमन न्यूज नेटवर्क ] उर्दू क़बीला फॉउंडेशन,भिवंडी द्वारा मौलाना अबु जफर हस्सान नदवी अजहरी के संरक्षण में हास्य व्यंग के विश्वविख्यात उर्दू कवि अकबर इलाहाबादी की शायरी,कला और व्यक्तित्व पर एक संगोष्ठी का आयोजन डॉ. गुलाम नबी मोमिन,पूर्व उर्दू अधिकारी बाल भारती, पुणे की अध्यक्षता में आयोजित की गयी।
गुलाम नबी मोमिन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में अकबर इलाहाबादी के काव्य गुणों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके द्वारा हास्य व्यंग की उल्लेखनीय भावना के साथ कही गयी कविताएं अकबर इलाहाबादी की महानता की पहचान हैं। मशहूर व्यंग्यकार डॉ फैयाज अहमद फैजी ने बेहद दिलचस्प लेख ‘अबू जफर हसन नदवी अजहरी को अकबर इलाहाबादी का पत्र’ पढ़कर दर्शकों को सुनाया।पत्र के माध्यम से मौलाना अबू जफर हसन नदवी के विशेष गुणों,उनके शहर की सम सामयिक गतिविधियों की हास्य व्यंग से परिपूर्ण विवेचना प्रस्तुत की तथा पत्र में मिर्ज़ा ग़ालिब और अल्लामा इकबाल की उपस्थिति का उल्लेख करके लेख को अत्यंत रोचक और प्रभावशाली बना दिया।इस मौके पर रफी अंसारी ने अकबर इलाहाबादी से मुलाकात’विषय पर हास्य लेख प्रस्तुत किया जिसमें मुलाक़ात का लेखा-जोखा अत्यंत रोचक अंदाज़ में पेश किया।
अख्तर काज़मी ने अपने लेख में इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित किया कि अकबर की हास्य एवं व्यंग्यात्मक शायरी की बहुत चर्चा हुई, लेकिन उनकी संजीदा शायरी पर बहुत कम ध्यान दिया गया है।इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।रईस हाई स्कूल के प्रधानाचार्य जियाउर रहमान अंसारी ने अपने सार्थक उद्बोधन में अकबर की भाषा की कलात्मक अंतर्दृष्टि का उल्लेख करते हुए कहा कि अकबर ने अपने युग की भाषा में बात की,उनकी शायरी पढ़ने पर ऐसा लगता है की बहुत से अशआर आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितना उस समय थे। नादिर शहीर खान ने अकबर की काव्य-उपलब्धियों और उसके परिणामों पर अपने अनूठे ढंग से प्रकाश डाला।
इस सभा में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर अकरम अंसारी ने पहली बार अपना साहित्यिक लेख प्रस्तुत कर अपने साहित्यिक जीवन की आशापूर्ण शुरुआत की।कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं ने अकबर इलाहाबादी की शायरी को हास्य के माध्यम से सुधारवादी,उत्साहवर्धक शायरी बताते हुए कहा कि शायद ही जीवन का कोई पहलू हो जो उनके व्यंग की दृष्टि से बच पाया हो।इस महत्वपूर्ण आयोजन की शुभ शुरुआत मौलाना अबू जफर हसन नदवी अजहरी द्वारा पवित्र कुरान के पाठ से हुई।समारोह में बड़ी संख्या में शायर,कवी,साहित्यकार,शिक्षक एवं गणमाण्य व्यक्ति उपस्थित थे।कार्क्रम का सूत्र संचालन मुख्लिस मदू सर ने किया। उर्दू कबीला फाउंडेशन के सहसचिव अब्दुल जलील अंसारी द्वारा आभार व्यक्त करने के साथ समारोह का समापन हुआ।