आरोपियों की गिरफ़्तारी न होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की चेतावनी
ठाणे [ युनिस खान ] मुंब्रा के शंकर मंदिर में एक दलित युवक को प्रवेश करने से रोकने पर भाजपा महिला नेता रिदा रसीद की गिरफ्तारी नहीं किये जाने के विरोध में बौद्ध उपासक-पूज्य समन्वय समिति के उपाध्यक्ष प्रवीण पवार ने आमरण अनशन शुरू किया है। अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ़्तारी नहीं होने पर राकांपा ने तीखी नाराजगी व्यक्त करते हुए पीड़ित के समर्थन में उतने की घोषणा की है।
मुंब्रा के सम्राट नगर निवासी शिव जगताप 26 अक्टूबर को मुंब्रेश्वर मंदिर में बन रहे तालाब को देखने गया था। उस वक्त वहां मौजूद भाजपा नेत्री रिदा रसीद, सिकंदर मुमताज , अहमद खान और उनके साथियों ने शिव जगताप को मंदिर परिसर में घुसने से रोक दिया। साथ ही 13 नवंबर को एक कार्यक्रम में शिव जगताप की खिंचाई की थी। मुंब्रा पुलिस स्टेशन में शिव जगताप द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 की धारा 3 (1) आर, 3 (1) वाई, 3 (1) (जेडए) सी के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने दर्ज अपराध के तहत रिदा रसीद को नोटिस जारी किया है। हालांकि नोटिस जारी होने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसके विरोध में दलित कार्यकर्ता प्रवीण पवार ने अनशन शुरू किया है। मंगलवार को उनके अनशन का दूसरा दिन था। हालांकि, प्रवीण पवार ने पुलिस व्यवस्था पर उनके अनशन को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाते हुए रिदा रासीद की गिरफ्तारी तक अनशन जारी रखने की चेतावनी दी।
इस संबंध में एड उत्तेकर और एड. म्हस्के मंगलवार को मुंब्रा पुलिस से मिलें और इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि वह इस मामले में जांच को स्थानांतरित करने के संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। इस दौरान राकांपा के प्रदेश महासचिव सैयद अली अशरफ, सुजाता घाग, मनपा में पूर्व विपक्षी नेता अशरफ शानू पठान, शमीम खान, विक्रम खामकर, पूर्व नगर सेविका सुनीता सातपुते, रूपाली गोटे, पल्लवी जगताप ने प्रवीण पवार के समर्थन में एक दिन का सांकेतिक अनशन किया। पठान ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों की गिरफ़्तारी नहीं किया तो पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए राकांपा कार्यकर्ता भी समर्थन में उतरेगी।