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होम क्रेडिट इंडिया की हाउ इंडिया बारोज 2022 ईएमआई कार्ड बना है ग्राहकों को लोकप्रिय विकल्प

मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] होम क्रेडिट इंडिया (एचसीआईएन), अग्रणी वैश्विक कंज्यूमर फाइनेंस प्रदाता कंपनी की स्थानीय शाखा, ने आज अपनी वार्षिक ग्राहक अध्ययन रिपोर्ट- हाउ इंडिया बारोज (एचआईबी) 2022 को जारी किया है।एचआईबी 2022 स्टडी के निष्कर्षों के मुताबिक सर्वे में शामिल 50 फीसदी से ज्यादा ऋण लेने वालों ने शापिंग या अन्य क्रेडिट की आवश्यकताओं के लिए आईएमआई कार्ड को वरीयता दी व स्वीकार्यता दिखायी। टीयर वन व टू शहरों के कुल तीन चौथाई से ज्यादा ऋण लेने वाले व जेन जेड/मिलिनियल्स आनलाइन लोन्स की बढ़ती लोकप्रियता, सुगमता के अनुभव और डिजिटल लेंडिंग की तेजी से बढ़ती स्वीकार्यता के चलते डिजिटल लेंडिग सेवाओं के प्रति आशान्वित व उत्साहित हैं।

       एचआईबी स्टडी का उद्देश्य पोस्ट कोविड वर्ल्ड में डिजिटल परिवर्तन से गुजर रही अर्थव्यवस्था में ग्राहकों के ऋण लेने के प्रति तेजी से बदल रहे व्यवहार को समझना है। यह सर्वे देश के 16 शहरों में किया गया जिसमे दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर, हैदराबाद, भोपाल, पटना, रांची, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई, देहरादून, जयपुर, लखनऊ, लुधियाना और पुणे शामिल हैं। इस सर्वे का सैंपल आकार 18 से 55 वर्ष की आयु व 30000 रुपये सत मासिक आय वाले 1500 ऋण लेने वाले (होम क्रेडिट ग्राहक) रहे।एचआईबी 2022 ने दिखाया कि व्यापक रुप से आर्थिक परिस्थितियों के विपरीत रहने के बाद भी 75 फीसदी ऋण लेने वालों ने उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद, होम अप्लाएंसेज, गृह रिनोवेशन व व्यापारिक आवश्यकताओं के लिए ऋण लिया जो दर्शाता है कि 2021 की स्टडी मे ग्राहक ऋणों का सकारात्मक रवैया इस साल भी मजबूती से जारी रहेगा।

         प्रफुल्लित सेंटीमेंट के चलते ऋण लेने वाले 50 फीसदी से ज्यादा लोगों नें शापिंग के लिए ईएमआई कार्ड अथवा क्रेडिट को वरीयता दी इसके बाद क्रेडिट कार्ड (25 फीसदी) और नए युग के ऋण प्लेटफार्म बाय नाउ एंड पे लैटर  (बीएनपीएल) को 10 फीसदी से कम पसंद के साथ पीछे रहना पड़ा है। त्वरित संवितरण और समयबद्ध अप्रूवल के चलते ऋण लेने वाले ईएमआई कार्ड को भरोसेमंद मानते हैं। इसी तरह से 60 फीसदी ऋणप्राप्त कर्त्ता जिसमें प्राथमिक रुप से टीयर वन व टू शहरों ( जिसमें बंगलौर 82 फीसदी, पटना 74 फीसदी, लखनऊ 69 फीसदी, लुधियाना 68 फीसदी और जयपुर 68 फीसदी शामिल हैं) से मिलिनियल्स/जेन जेड ने अंतर्निहित फाइनेंस (इम्बेडेड फाइनैंस) में रुचि दिखायी जहां ई कामर्स शापिंग को किफायती वित्तपोषण के लिए ईएमआई में बदला जा सकता है। इनमें से ज्यादातर का मानना है कि इम्बेडेड फाइनैंस ऋण लेने को त्वरित और ई-कामर्स शापिंग को आसान बनाता है।

         एक बड़ा सकारात्मक पहलू वित्तीय सेवाओं में डिजिटलाइजेशन को अपनाने के रुप में देखने को मिला एचआईबी स्टडी बताती है कि आनलाइन ऋणों के प्रति बीते साल आत्यमीयता दिखाने के बाद इस बार टीयर वन व टू शहरों ( जयपुर 55 फीसदी, पुणें 48 फीसदी, लुधियाना 47 फीसदी, लखनऊ 44 फीसदी, चंडीगढ़ 43 फीसदी) के 40 फीसदी ऋण प्राप्तकर्त्ताओं ने आने वाले दिनों में ऋणों का आवेदन वाट्सअप चैट के जरिए करने की इच्छा जतायी है। टेक आधारित वित्तीय सेवाओं में चैटबाट भी पीछे नहीं है क्योंकि टीयर वन व टू शहरों (अहमदाबाद 54 फीसदी, लखनऊ 45 फीसदी, पटना 44 फीसदी, जयपुर 42 फीसदी) के एक तिहाई ऋण प्राप्तकर्त्ताओं ने चैटबाट को लेकर विश्वास व परिचय दिखाया जो कि वित्त वर्ष 2021 के मुकाबले 13 अंक ज्यादा है। आनलाइन ऋणों को लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है और 50 फीसदी से ज्यादा ऋण लेने वाले इसके लिए तैयार हैं जोकि वित्त वर्ष 2021 के मुकाबले 14 अंक ज्यादा है। इसी तर्ज पर टीयर वन शहरों व मेट्रोज (पुणे 75 फीसदी, बंगलौर 69 फीसदी, दिल्ली-एनसीआर 64 फीसदी, लुधियाना 63 फीसदी, अहमदाबाद 62 फीसदी, मुंबई 58 फीसदी व सबसे कम भोपाल 42 फीसदी) में ऋण प्राप्तकर्त्ताओं ने बड़े पैमाने पर मोबाइल बैंकिंग के साथ साथ इंटरनेट बैंकिंग को लेकर अपनी सहजता दर्शायी है।

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