ठाणे [ इमरान खान ] ठाणे शहर में गत दिनों राकांपा शहर अध्यक्ष आनंद परांजपे की अगुवाई में राज्य सरकार विरोधी आंदोलन किया गया था। इस आंदोलन के दौरान राज्य सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई थी । इसी को लेकर राकांपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर तीन अलग-अलग पुलिस थानों में मामले दर्ज कराए गए हैं।
इसी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राकांपा ठाणे शहर जिला अध्यक्ष आनंद परांजपे ने कहा कि पुलिस शिकायतों से वे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने जो भी कुछ पार्टी की ओर से किया है वह पूरी तरह संवैधानिक दायरे के अंतर्गत आता है। ऐसी स्थिति में किसी भी तरह के दबाव को सहने की जगह उसका प्रतिकार करने से वे पीछे नहीं हटेंगे। इसके साथ ही परांजपे ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को आगाह किया कि कुछ तथाकथित चाणक्य या नारद या शकुनी जो उनके नाम पर फुदक रहे हैं, वे कही शिंदे को ही टाइटेनिक जहाज नहीं बना देन चाहते हैं।
वही ठाणे पुलिस यदि किसी भी तरह के दबाव में कार्रवाई करती है तो राकांपा उसका सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। संवैधानिक दायरे में रहकर राकांपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उसका मुकाबला करेंगे। यह कार्रवाई साफ दर्शा रहा है कि सत्ता का दुरुपयोग किस तरह किया जाता है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव के आगे झुकने वाले नहीं है। लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने वालों को यदि दबाने की कोशिश की गई तो उन्हें प्रतिकार का सामना निश्चित ही करना होगा।
दूसरी ओर आनंद परांजपे ने राज्य के मुख्यमंत्री शिंदे को आगाह करते हुए कहा कि ठाणे शहर में कुछ चेहरे ऐसे हैं जो अपने आपको चाणक्य, शकुनी और नारद मानते हैं, वे आने वाले समय में उनके लिए सिरदर्द होंगे। जिस तरह टाइटेनिक जहाज एक मामूली गलती के कारण समुद्र में समाहित हो गया था तो कहीं आगे आने वाले समय में ये नारद और चाणक्य राज्य के मुख्यमंत्री शिंदे को भी डूबता हुआ टाइटेनिक जहाज नहीं बना दे। ऐसी उन्होंने आशंका व्यक्त की।
आगे परांजपे ने कहा कि लोकतंत्र में सामान्य नागरिकों को यह अधिकार है कि वह संवैधानिक दायरे में रहकर अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं । उनकी आवाजों को कोई दवा नहीं सकता। परांजपे ने आरोप लगाया कि जब से राज्य में ईडी सरकार आई है तब से लेकर अब तक ठाणे जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर मामले दर्ज कराए जा रहे हैं।