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चार वर्षों में ठाणे जिले में 271 विदेशी अल्पसंख्यकों को दी गयी भारतीय नागरिकता

 ठाणे [ युनिस खान ] ठाणे जिले में 92 लोगों को भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र वितरित किया है।  जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत आज यहां जिलाधिकारी कार्यालय में नागरिकता प्रमाण पत्र वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वैदेही रानाडे, निवासी जिलाधिकारी सुदाम परदेशी, उप जिलाधिकारी रेवती गायकर उपस्थित थे।
         जिलाधिकारी नार्वेकर ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारतीय स्वतंत्रता के अमृत वर्ष में हमें विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की नागरिकता मिल रही है। उन्होंने कहा कि नागरिकता प्रमाण पत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया को प्रणाली द्वारा आसानी से किया गया था, यह कहते हुए कि नागरिकता प्रमाण पत्र ने आपको एक भारतीय की पहचान दी है।  उन्होंने अपने द्वारा ली गई शपथ के अनुसार देश के प्रति ईमानदार और प्रतिबद्ध रहने की भी अपील की।
          नागरिकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए, ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय में 4 शिविर आयोजित किए गए हैं।  अब तक, 2018 से 2022 तक, ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय ने 271 व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र वितरित किए हैं।  इस दौरान नागरिकता प्रमाण पत्र पाने वालों ने अपने विचार व्यक्त किए।  तहसीलदार शीतल रसाल, उप तहसीलदार मनोज कुमार सुर्वे, समीर सिरोजे, विलास शिंगडे, कुणाल भालेराव, रूपाली गायकवाड़ और कल्पना सोनोन को प्रमाण पत्र प्रक्रिया को आसानी से संभालने के लिए सम्मानित किया गया।
        अल्पसंख्यक नागरिकों को भारत की नागरिकता आसानी व शीघ्र मिले इसके लिए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने राजपत्र संख्या 3022 , दिनांक 23/12/2016 के अनुसार, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता देने का अधिकार दिया गया है। हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान , छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली इस राज्य में 16 जिलाधिकारी को अधिकार प्रदान किये गए है। इसमें महाराष्ट्र में मुंबई शहर, मुंबई उपनगरों, ठाणे, पुणे और नागपुर के जिलाधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं।
        भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत प्राप्त मामलों में, पुलिस और खुफिया विभाग से एक रिपोर्ट प्राप्त होने पर, आवेदक को जिलाधिकारी कार्यालय में निष्ठा की शपथ दी जाती है और पहले एक स्वीकृति पत्र दिया जाता है।  स्वीकृति पत्र में आवश्यक दस्तावेजों को पूरा करने के बाद आवेदक को नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

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