भिवंडी [ अमन न्यूज नेटवर्क ] युवकों को नशे से रोकने एवं उसके दुष्परिणाम से अवगत कराने के लिए ठाणे पुलिस आयुक्तालय और रईस हाई स्कूल द्वारा संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस का आयोजन भिवंडी के रईस हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज, के उर्दू बसेरा हॉल में 26 जून को सुबह साढ़े दस बजे के एम ई सोसायटी के अध्यक्ष तलहा फकीह की अध्यक्षता में किया गया।
इस अवसर पर ठाणे क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक आनंद राव राने,सहायक पुलिस निरीक्षक महेश जाधव, पुलिस उप निरीक्षक स्वप्निल प्रधान, डॉक्टर भगत, अब्दुल अज़ीज़ अंसारी, स्कूल के अध्यापक और छात्र बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम के अध्यक्ष तलहा फकीह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि नौजवान पीढ़ी नशे का शिकार होकर अपना जीवन बरबाद कर रही है। उन्हें नशे की लत से छुटकारा दिलाने एवं उसके दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए सरकार की तरफ़ से जो जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, उसके सकारात्मक परिणाम तभी देखने को मिल सकते हैं, जब समाज के लोग सहयोग करें।वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने बताया कि आज का दिन नशा मुक्ति दिवस के साथ साथ मादक पदार्थ निषेध दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह दिवस लोगों विशेष कर युवकों और छात्रों में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार की तरफ़ से शुरू किया गया कार्यक्रम है।
सहायक पुलिस निरीक्षक महेश जाधव ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा युवा वर्ग कभी शौकिया तौर पर, कभी बुरी संगत में पड़कर तो कभी गम भुलाने के लिया मादक पदार्थों के सेवन का आदी बन जाता है। युवा पीढ़ी को इसके भयावह चंगुल से निकालने के लिए सरकार के साथ साथ समाज को भी सहयोग करना चाहिए। डॉक्टर भगत ने नशे के प्रकार, नशीली दवाएं तथा उसके घातक परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पुलिस उपनिरीक्षक स्वप्निल प्रधान ने कार्यक्रम की आवश्यकता एवं उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवा वर्ग एवं छात्रों के समुचित मार्गदर्शन तथा दृढ़ संकल्प के साथ धीरे धीरे दुर्व्यसन से मुक्ति संभव है।कार्यक्रम में रईस हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज के छात्र ने नशीले पदार्थो के दुष्परिणाम विषय पर आधारित कहानी पेश की।
फैज़ फकीह ने सफलता पूर्वक कार्यक्रम का संचालन किया और अब्दुल अज़ीज़ अंसारी ने मार्गदर्शक मंडल और उपस्थित लोगों के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में जाकिर अंसारी,रययान बुबेरे और शिक्षकों का सहयोग शामिल रहा।