ठाणे [ युनिस खान ] मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए बलात्कार के बाद यात्रा निकालने की शर्मनाक घटना के विरोध में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की ओर से राकांपा नेता व विधायक डा जितेंद्र आव्हाड के मार्गदर्शन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने मौन विरोध प्रदर्शन किया।
मणिपुर में कुकी और मैताई नाम के दो गुटों के बीच संघर्ष चल रहा है। यहाँ कुकी आदिवासी जनजाति की दो महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार कर निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाया गया। इस घृणित घटना के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप रहे। इसका विरोध करने के लिए राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव डा आव्हाड के आदेशानुसार और ठाणे-पालघर मंडल अध्यक्ष रुता आव्हाड के साथ-साथ जिला अध्यक्ष सुहास देसाई , राकांपा महिला अध्यक्ष सुजाताई घाग, ठाणे शहर कार्यकारी अध्यक्ष सुरेखाताई पाटिल के मार्गदर्शन में यह विरोध प्रदर्शन किया गया। इस आंदोलन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मुंह पर काली पट्टी बांधकर हिस्सा लिया। इस मौके पर सुहास देसाई ने कहा कि मणिपुर की घटना सिर्फ दो महिलाओं से जुड़ी नहीं है बल्कि यह पूरे समाज के लिए शर्म की बात है। इसलिए अगर नैतिकता है तो केंद्र सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
सुजाता घाघ ने कहा कि मणिपुर की घटना को सत्तर दिनों तक दबाने वाली केंद्र सरकार का जितना विरोध किया जाय कम है। अगर दो बहनों को दिनदहाड़े निर्वस्त्र किया जा रहा है तो मोदी को प्रधानमंत्री बनने का कोई अधिकार नहीं है उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इस मूक विरोध प्रदर्शन में छात्र प्रकोष्ठ अध्यक्ष प्रफुल्ल कांबले, सामाजिक न्याय विभाग अध्यक्ष कैलास हावले, हैकर्स प्रकोष्ठ अध्यक्ष सचिन पंधारे, असंगठित श्रमिक प्रकोष्ठ राजू चपले, प्रियंका सोनार, मेहरबानो पटेल, शशि पुजारी, कांता गजमल, माधुरी सोनार, अनिता मोटे, हाजीबेगम शेख, ज्योति निंबार्गी, रेशमा भानुशाली समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।