ठाणे [ युनिस खान ] जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में एक आरपीएफ जवान ने सिर्फ धार्मिक और सांप्रदायिक नफरत के कारण चार लोगों की हत्या कर दी। इस नरसंहार से अब बुद्ध-गांधी के देश में बुराई के बीज बोये जा रहे हैं। यह आरोप लगाते हुए राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव डा जितेन्द्र आव्हाड के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने तेज बारिश में मौन विरोध प्रदर्शन किया है।
सोमवार को जयपुर से रवाना होने वाली ट्रेन में एक आरपीएफ जवान ने अपने वरिष्ठ अधिकारी मीना समेत चार लोगों पर गोली चला दी जिसमें चार की मौत भी हो गई। गोलीबारी के बाद शव के पास खड़े होकर उन्होंने कट्टरता पर टिप्पणी की। उन्होंने केवल धार्मिक नफरत के कारण चार लोगों की जान ले ली, इसलिए यह आंदोलन इन नफरत फैलाने वाली प्रवृत्तियों के खिलाफ आयोजित किया गया था।
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए डा आव्हाड ने कहा कि इस वक्त देश में कट्टरता देखने को मिल रही है। कल एक आरपीएफ जवान ने गोली चलाकर चार लोगों की जान ले ली. हमें यह देखने की जरूरत है कि हमने क्या बोया है और इस घटना से क्या हासिल हुआ है। महात्मा गांधी के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, उस तरह नाथूराम के हाथ नहीं कांपे। अब ऐसे कई नाथूराम पैदा हो रहे हैं।
इस आंदोलन में जिला अध्यक्ष सुहास देसाई, कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश पाटिल, पूर्व नगर सेवक प्रकाश बर्डे, शानू पठान, विक्रम खामकर, सुजाता घाग, शमीम खान, राजू चपले, प्रियंका सोनार, प्रफुल्ल कांबले, मधुर राव, कैलास हावले, सचिन पंधारे, जतिन कोठारी, उमेश अग्रवाल, रोहित भंडारे, शिव जगताप, महेंद्र नाइक, शाहरुख सैयद, बब्लू शेमना, जावेद शेख, अंकुश माधवी, ज्योति निंबार्गी, मेहरबानो पटेल, रूपेश सावंत, अजय मिश्रा, विक्रांत घाग, सुभाष आंग्रे, रिबीन मूर्ति, रचना वैद्य, संजीव दत्ता, विलास पाटिल, सुरेश सिंह, गणेश मोरे, आशीष खाड़े, संतोष मोरे, रोहिदास पाटिल, दिलीप नाइक, सूरज यादव, दौलत सामुखे, महेंद्र पवार, समीर नेटके, हाजी बेगम शेख, राजा जाधव, नीलेश जाधव, फिरोज पठान समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।