मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर “यूएफसीआई फाउंडेशन” के कार्यकर्ता “फ्रीडम फॉर ऑल” एक असाधारण कार्यक्रम जुहू बीच पर एकत्र होकर एक अनूठा अभियान किया, जिसका उद्देश्य जानवरों को स्वतंत्रता देने के महत्व को उजागर करना था.
इस कार्यक्रम में पशु अधिकारों के हक की लड़ाई लड़ने वाले उत्साही कार्यकर्ताओं ने जानवरों की दुर्दशा को दर्शाने वाले पोस्टरों को हाथों में लेकर एक साथ आए और बताया कि पशु मांस के टुकड़े से ज्यादा कुछ नहीं बल्कि एक जीवित और संवेदनशील प्राणी हैं. उन्होंने ऐसे वीडियो दिखाए जिनमें जानवरों का शोषण करने वाले उद्योगों की मानक प्रथाओं को दिखाया गया. कार्यकर्ताओ ने जानवरों के अधिकारों की वकालत करने वाले शक्तिशाली संदेशों से सजी तख्तियां ले रखी थीं और जोशीले नारे लगाए.
वीगन लोग किसी भी रूप में जानवरों का उपयोग या शोषण नहीं करते हैं. दुग्ध उत्पाद और शहद सहित पशु उत्पादों का सेवन नहीं करते हैं. पशु उत्पादों का सेवन अनावश्यक है क्योंकि हम मनुष्य वनस्पति आधारित आहार पर ही जीवित रह सकते हैं. यह एक सहकर्मी द्वारा की गई समीक्षा अनुसंधान के एक महत्वपूर्ण संस्था का समर्थन है, जो वनस्पति आधारित आहार में प्रगति की व्यवहार्यता और स्वास्थ्य लाभों की गवाही देता है.
दुनिया में जानवरों को भोजन, कपड़े और मनोरंजन जैसे विभिन्न कारणों से मानव शोषण सहना पड़ता है. यह मुहिम उनके स्वतंत्रता के जन्मजात अधिकारों के लिए कार्य करता है. यह कार्यक्रम विगनिजम’ को अपनाकर जानवरों के शोषण को खत्म करने की वकालत करता है, जो न केवल भोजन है बल्कि जानवरों के न्याय के लिए एक महत्वपूर्ण आंदोलन भी है.
यूएफसीआई फाउंडेशन की कार्यकर्ता अवनी कारिया ने कहा कि पिछले दशकों में पैदा हुई जागरूकता के कारण यह आंदोलन तेजी से बढ़ रहा है. हम इन आयोजनों को नियमित रूप से करने की योजना बना रहे हैं. एक कार्यकर्ता खुशबू देसाई ने कहा कि यह मानना हमारी सामाजिक स्थिति है कि जानवर हमारे उपयोग और शोषण के लिए हैं, और इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है.
यह सार्थक कार्यक्रम वेगन इंडिया मूवमेंट द्वारा सावधानीपूर्वक आयोजित किया गया था, जो पूर्ण शाकाहार के आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की एक पहल है.