ठाणे [ युनिस खान ] छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत पर चढ़ाई कर वहां से बहुत कुछ लूटकर स्वराज की स्थापना की गई उसका बदला अब लिया जा रहा है। राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव व विधायक डा जितेंद्र आव्हाड ने मुंबई के हीरा बाजार को सूरत में स्थानांतरित करने के मुद्दे पर इस आशय की टिप्पणी की है।
मुंबई का हीरा बाजार सूरत में स्थानांतरित हो गया है। डा आव्हाड ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि कई वर्षों से मुंबई में स्थित इस हीरा बाजार को स्थानांतरित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मुंबई का हीरा बाजार दुनिया के अग्रणी हीरा बाजार में शामिल हो रहा है। लेकिन, अब यह हीरा बाजार सूरत में स्थानांतरित हो गया है। सिर्फ हीरा बाजार ही नहीं बल्कि मुंबई के कई बड़े संगठन और उभरते उद्योग भी गुजरात शिफ्ट हो रहे हैं। इसके पीछे मुख्य कारण छत्रपति शिवाजी महाराज का सूरत पर आक्रमण है। 1664 में मुगल साम्राज्य के एक बहुत समृद्ध शहर सूरत पर हमला करने के बाद शाहिस्त खान पुणे आया और लूट का सामान बरामद किया। इसका गुस्सा आज भी कुछ गुजरातियों के मन में है। आज सूरत पर हुए इस हमले की भरपाई के लिए महाराष्ट्र, मुंबई के उद्योगों और व्यापार केंद्रों को सूरत ले जाया जा रहा है। कुल मिलाकर शिवराया का बदला लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुंबई के महत्व को कम करने की कोशिश की जा रही है। डा आव्हाड ने आलोचना करते हुए यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम यह सब बर्दाश्त कर रहे हैं।
इस बीच कतर में आठ पूर्व नौसैनिकों को इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गयी है। मूल रूप से विदेश मंत्रालय ने देश को यह जानकारी नहीं दी कि इस संबंध में कोई मामला चल रहा है। इजराइल की मोसाद जासूसी एजेंसी दुनिया की सबसे बेहतरीन जासूस एजेंसी है। ऐसी स्थिति में भारतीय इजराइल के लिए जासूसी करेंगे, यह समझ से परे है। लेकिन जो लोग अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का दावा करते हैं उन्हें उन आठ लोगों की जान बचाने की कोशिश करनी चाहिए। डा आव्हाड ने अपील की कि सरकार को उन आठ लोगों की जान बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करना चाहिए। यह ध्यान में रखते हुए कि उन आठ लोगों को फांसी देने से उनके परिवारों को कितना नुकसान होने वाला है।