जिलाधिकारी शिनगारे ने कहा कि प्रत्येक विभाग मादक पदार्थों की बिक्री, वितरण एवं निर्माण पर कड़ी नजर रखे। इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट इसी माह में देने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने नशीले पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेज, पान टपरी पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए। यदि किसी कार्रवाई में नशीला पदार्थ पाया जाता है तो यह भी तय किया गया कि नशीला पदार्थ कहां से आया और कहां भेजा जाने वाला था।
पुलिस अधीक्षक विक्रम देशमाने ने बताया कि जिला पुलिस बल ने पिछले पंद्रह दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में 231 कंपनियों, 111 गोदामों, 197 फार्म हाउसों का निरीक्षण किया है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के 18 नशामुक्ति केंद्रों का भी निरीक्षण किया गया। औद्योगिक स्थलों, बंद फैक्ट्रियों, संदिग्ध स्थलों पर विशेष निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के ठाणे कार्यालय ने कोडीन सिरप, अल्पाज़ोलम, डायजेपाम जैसी दवाओं के दुरुपयोग के संबंध में जिले की 79 दुकानों का निरीक्षण किया है और आगे भी निरीक्षण प्रक्रिया जारी है। ऐसी दुकानों पर कार्रवाई की गई जहां दवा विक्रेताओं से खरीद-बिक्री और शेष स्टॉक का ब्योरा मेल नहीं खा रहा था।
विदेशों से नशीले पदार्थों आपूर्ति डाक द्वारा पार्सल के माध्यम से किया जाता है। कई बार विदेशी लोग गलत पता डालकर पार्सल मांगते हैं लेकिन पता नहीं मिलने पर पार्सल पोस्ट ऑफिस में वापस आ जाता है। ये अपराधी डाकघर में आते हैं और यह दावा करके पार्सल उठा लेते हैं कि पार्सल पर गलत पता लिखा हुआ है। ऐसे पार्सल पर भी अब पुलिस की पैनी नजर है। इस दौरान विदेशों से आने वाले और गलत पते वाले पार्सल पर विशेष ध्यान देने और संदिग्ध पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए।