मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] वॉक्सेन विश्वविद्यालय को बेल्जियम के पूर्व प्रधान मंत्री, यवेस लेटरमे, का स्वागत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। लेटरमे का दौरा, वहाँ हो रहे अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का महत्वपूर्ण आकर्षण था, जिसका मुख्य केंद्र ‘उच्च शिक्षा के भविष्य के लिए रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत-यूरोप पर केंद्रित‘ था।
संगोष्ठी में महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों में जी. वी. प्रसाद, डॉ. रेड्डीज़ लैबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और बेल्जियम के मानद महावाणिज्य दूत; डॉ. शंकर एस. मांथा, भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष, समेत अमेरिकी वाणिज्य दूतावास हैदराबाद, नीदरलैंड के दूतावास, तेलंगाना सरकार, हैदराबाद विश्वविद्यालय, आईबीएस हैदराबाद, एनएएलएसएआर, एनआईसीएमएआर विश्वविद्यालय, और आईएमटी हैदराबाद के प्रतिनिधि शामिल थे।
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध, उच्च शिक्षा और व्यापार के क्षेत्रों से महत्त्वपूर्ण हितधारकों के बीच खुले और रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देने के लिए एक गतिशील मंच स्थापित करना था। विचारशील नेताओं, नीति निर्माताओं और उद्योग प्रतिनिधियों को एकत्रित करके, संगोष्ठी का उद्देश्य यूरोप-भारत संबंधों को मजबूत करना, सहयोग को तेज़ करना, और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तनों को लाना है।
जी.वी. प्रसाद, डॉ. रेड्डीज लैब्स के सह-अध्यक्ष और एमडी और बेल्जियम के मानद महावाणिज्यदूत, ने सम्मानित अतिथि भाषण के साथ इस संगोष्ठी की शोभा को बढाया। इसके बाद महान और सम्मानित ,बेल्जियम के पूर्व प्रधान मंत्री, श्री यवेस लेटरमे ने ‘भारत-यूरोपीय संघ के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने‘ पर एक आकर्षक मुख्य भाषण दिया।
बेल्जियम के पूर्व प्रधान मंत्री यवेस लेटरमे ने कहा, “यूरोपीय संघ, भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। नया उभरता हुआ भारत एक लोकतंत्र है, जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए अपने मूल्यों का संरक्षण करता है, और साथ ही संतुलित बहुराष्ट्रीय संस्थानों और सतत विकास लक्ष्यों के एजेंडे पर ध्यान देता है और वॉक्सेन एक ऐसी आगामी पीढ़ी का निर्माण कर रहा है जो इन मूल्यों को अपनाती है।