ठाणे में 136 कारसेवकों किया गया सम्मानित
ठाणे [ युनिस खान ] जब तक राम का नाम रहेगा तब तक दुनिया से हिंदू धर्म और सनातन धर्म खत्म नहीं हो सकता। इस आशय का उद्गार विद्वान, व्याख्याता, लेखक दाजी पणशीकर ने व्यक्त की है। आज हमारे पास जो कुछ बचा है वह राम की कृपा है। राम से पहले और बाद में कई राजा हुए लेकिन किसी का मंदिर नहीं है। क्योंकि राम में सभी प्रकार के गुण श्रेष्ठ थे।
1990 और 1992 दोनों वर्षों की कारसेवा में भाग लेने वाले ठाणे के 136 कारसेवकों का एक सार्वजनिक अभिनंदन समारोह पांचपखाड़ी के ज्ञानराज सभागार में आयोजित किया गया था। इस मौके पर विधायक संजय केलकर , निरंजन डावखरे, ओमप्रकाश शर्मा , मकरंद मुले, सुभाष काले, कारसेवक सम्मान समिति के संयोजक संजीव ब्रम्हे, भरत अनखिंडी आदि मौजूद थे। पणशीकर ने आगे कहा कि पिछले 70 वर्षों से मैं पूरे भारत में घूमा हूं लेकिन मैंने यहां ऐसा मंगल्य योग देखा है। बिना अयोध्या गए भी यहां दिखे इन सभी कारसेवकों के कारण हम 22 तारीख को राममूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं और दूसरी ओर करोड़ों लोग राम भक्ति कर रहे हैं। राम के पास वानरों की सेना थी। वे केवल आदेश जानते थे। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आपके और हमारे बीच जो शक्ति आई है वह श्री राम की शक्ति है।
विधायक संजय केलकर ने कारसेवा की यादें ताजा करते हुए कहा कि आने वाली 22 तारीख को अयोध्या में राममूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। यह मंदिर हजारों साल तक कायम रहेगा। अगर दोबारा कारसेवा करने का मौका मिला तो बहुत लोग जाएंगे। विधायक निरंजन डावखरे ने कार्यक्रम की सराहना की और विपक्ष की आलोचना की। इस कार्यक्रम में एनटीपीसी के निदेशक विद्याधर वैशंपायन, पूर्व भाजपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य ओमप्रकाश शर्मा , संदीप लेले, वरिष्ठ महिला लीलाताई जोशी, द्वारकानाथ भानुशाली, प्रवीण देशपांडे, दयानंद नेने आदि गणमान्य लोगों को श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति देकर सम्मानित किया गया। बुजुर्ग कारसेवक ओमप्रकाश शर्मा, सुभाष काले ,निशा बर्वे, किशोर भावसार आदि ने दर्शकों के समक्ष कारसेवा के लिए अयोध्या यात्रा के अपने अनुभव से उपस्थित लोगों को अवगत कराया।