ठाणे [ युनिस खान ] महंगाई , कृषि उत्पादों का समर्थन मूल्य ,बेरोजगारी , महिला सुरक्षा जैसी विविध मुद्दों को लेकर राकांपा ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। इस दौरान राकांपा के एक प्रतिनिधि मंडल निवासी उप जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन दिया है।
राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव डा जितेंद्र आव्हाड में मार्गदर्शन में राकांपा कार्यकर्ताओं ने ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकालकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। राकांपा नेताओं ने कहा कि देश में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। अगर किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो ईंधन की कीमत दो रुपये कम की जाती है और फिर पांच रुपये बढ़ा दी जाती है। 2 करोड़ नौकरियों के वादे के बावजूद केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है। साथ ही महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा की दर भी बढ़ी है।
ठाणे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील और राष्ट्रीय महासचिव डा आव्हाड के आदेश पर राकांपा शहर जिला अध्यक्ष सुहास देसाई , महिला अध्यक्ष सुजाता घाग, महिला कार्यकारी अध्यक्ष सुरेखा पाटिल, युवा अध्यक्ष विक्रम खामकर के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की। बस हुई महंगाई की मार, नहीं चाहिए मोदी सरकार; आंगन वाड़ी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार कर रही है सरकार, इस बार राज्य-केंद्र सरकार को नहीं मिलेगी समर्थन, उच्च शिक्षा वाले पकौड़े तलें क्या? पेट्रोल-डीजल हुआ महगा जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे।
सुजाता घाघ ने कहा कि इस समय देश के हर कोने में महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है। मणिपुर में जब महिलाओं को नंगा किया जा रहा है, तब भी केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार मौन धारण कर बैठी थे। जैसे-जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं, महिलाओं को घर चलाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। विक्रम खामकर ने कहा कि 2014 में अच्छे दिन का सपना दिखाकर मोदी सरकार सत्ता में आई थी। तब से लोगों का शोषण हो रहा है। सात सौ रुपये का सिलेंडर हजार के पार पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमतों में कमी के बावजूद देश में ईंधन की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा भी पूरा नहीं किया गया है। महाराष्ट्र के उद्योगों को गुजरात ले जाया जा रहा है ,राज्य सरकार इस मुद्दे पर खामोश है।